उदित वाणी, जमशेदपुर: दिन्दली बस्ती, आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय के सभागार में चल रहे झारखंड नेशनल फिल्म फेस्टिवल (जेएनएफएफ) के तीसरे दिन आज प्रातः 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक 37 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई. यह दिन दर्शकों और फिल्म प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ. इस दौरान श्राम द रियल हीरो, गोलगप्पा, हिड़ीज ए काजल गे, बेड पेरेंटिंग, गुलमाल, जया जैसी कई शानदार फिल्मों का प्रदर्शन किया गया.
फिल्म निर्माताओं को मिला सम्मान
स्क्रीनिंग के दौरान एलबम के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर नवीन प्रधान को उनकी कड़ी मेहनत के लिए प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. यह घटना कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों के लिए विशेष यादगार रही.
19 दिसंबर से नई फिल्मों की स्क्रीनिंग शुरू होगी
यूनिट हेड शिवांगी सिंह ने बताया कि 19 दिसंबर से माईकल जॉन प्रेक्षागृह में नई फिल्मों का प्रदर्शन शुरू होगा. इसके तहत कई नई फिल्मों को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. आज की स्क्रीनिंग में कुल 37 फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई, जिनमें 8 म्यूजिक एलबम, 11 शॉर्ट फिल्म्स, 5 डॉक्यूमेंट्री, 4 फीचर फिल्म्स और 9 अंतरराष्ट्रीय फिल्में शामिल थीं.
विभिन्न देशों और भाषाओं की फिल्मों का समावेश
स्क्रीनिंग के दौरान आयरलैंड, इटली, यूनाइटेड स्टेट, जर्मनी, जापान, ब्राजील जैसे देशों की फिल्में प्रदर्शित की गईं. इसके अलावा हिंदी, नागपुरी, बंगाली, संथाली, अंग्रेजी, मुंडारी, कुरमाली, खोरठा जैसी भाषाओं की फिल्में भी प्रदर्शित की गईं.
बंगला फिल्म की खास स्क्रीनिंग
तीसरे दिन की स्क्रीनिंग में ‘सास तो आधा बूढ़ी, पतोहु जवान’ (कर्मा गीत) नामक बंगला फिल्म ने खास आकर्षण प्राप्त किया. इस फिल्म ने अपनी अनोखी कहानी, गहरी भावनाओं और कलात्मक प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया.
आगे की योजना: फिल्म निर्देशकों से चर्चा
यूनिट हेड शिवांगी सिंह ने बताया कि कल से माइकल जॉन ऑडिटोरियम में फिल्म निर्देशकों और उपस्थित दर्शकों के बीच एक परिचर्चा रखी जाएगी. इस सत्र में दर्शक फिल्म निर्देशकों से फिल्म से जुड़े सवाल पूछ सकेंगे और फिल्म इंडस्ट्री में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे.
कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम और
झारखंड नेशनल फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य झारखंड की कला, संस्कृति और सिनेमा को बढ़ावा देना था. इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि झारखंड सिनेमा के क्षेत्र में न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.
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