उदित वाणी, रांची : सोमवार को खेलगांव के टाना भगत इंडोर स्टेडियम में झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन ने पार्टी महाधिवेशन की शुरुआत की. उन्हें व्हील चेयर में मंच तक लाया गया. उनके साथ पत्नी रूपी सोरेन भी मंच पर उपस्थित थे. अधिवेशन में 8 से अधिक राज्यों के 3500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. दो दिवसीय महाधिवेशन के पहले दिन राज्य सरकार के मंत्री योगेन्द्र प्रसाद ने 108 पृष्ठ का सांगठनिक प्रस्ताव पेश किया. वहीं वरिष्इ विधायक स्टीफन मरांडी ने 16 राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया. जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. पार्टी के राजनीतिक प्रस्तावों में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति ,वक्फ कानून व परिसीमन का सख्त विरोध करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया गया है.
इसके अलावा अन्य प्रस्तावों में द्वितीय व तृतीय श्रेणी के सरकारी पदों पर 100 प्रतिशत स्थानीय की नियुक्ति, आउटसोर्सिंग संस्थानों में भी 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों की भागीदारी, अनुसूचित जनजातियों को 28 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों को 14 प्रतिशत और पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग, आदिवासियों के सरना धर्म को संविधान में मान्यता देने, क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को संरक्षण देने के लिए सांस्कृतिक व भाषा परिषद का गठन, जल, जंगल, जमीन पर स्थायी हक सुनिश्चित करने के लिए भूस्वामी आयोग के गठन, विस्थापित आदिवासियों को जमीन पर स्वामित्व और सम्मानजनक पुनर्वास की व्यवस्था, पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के लिए दिल्ली में समन्वय कार्यालय, बिहार के सीमावर्ती जिलों में संगठन विस्तार और आगामी विधानसभा चुनावों में सक्रिय उपस्थिति, असम में प्रवासी आदिवासियों के अधिकार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की रणनीति, पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल जिलों में संगठनात्मक मजबूती, आर्थिक शैक्षणिक और सांस्कृतिक मोर्चों पर आदिवासियों के लिए समावेशी नीति अपनाने का संकल्प, वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन और ग्राम प्रधानों को मालिकाना हक देने की मांग संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया है. महाधिवेशन स्थल का नाम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर प्रांगण रखा गया है. इसका समापन मंगलवार को संगठनात्मक ढांचे के गठन के साथ होगा. महाधिवेशन में मंच का संचालन अध्यक्षीय समिति के सदस्य विनोद पांडेय ने किया.
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