
उदित वाणी, रांची : सत्तारूढ झामुमो द्वारा शुक्रवार को 16वें वित आयोग की बैठक के दौरान झारखंड को बिशेष राज्य का दर्जा देने की मांग किया जायेगा. पार्टी के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भटटाचार्य ने संवाददाताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को झारखंड के विकास में बिशेष भागीदारी निभानी चाहिए और राज्य में संचालित केन्द्रीय योजनाओं में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी देनी चाहिए तथा राज्य की 25 प्रतिशत राशि होना चाहिए. झारखंड को बार-बार ठगा नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य ने 1 लाख 40 हजार करोड़ बकाया राशि की मांग की है. लेकिन उक्त राशि अब तक नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि झारखंड यूरेनियम सहित कई खनिजों का प्रमुख उत्पादक राज्य है. जिससे यहां की कई पीढ़ियां स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही है. खनन क्षेत्रों में मलेरिया और टीबी जैसी बीमारियां आम है. इसके बावजूद झारखंड ने अपने प्राकृतिक संसाधनों का बलिदान कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है. ऐसे में यह राज्य बिशेष दर्जा पाने का प्रबल दावेदार है. भट्टाचार्य ने कहा कि कि झारखंड को रेलवे जैसे क्षेत्रों में भी उपेक्षा का सामना करना पड़ता है. यहां के ट्रेनों में रिजेक्टेड बोगी दी जाती है. चाहे वह राजधानी एक्सप्रेस हो या शताब्दी ट्रेन. जबकि रेलवे को झारखंड से सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है.
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