उदित वाणी, जमशेदपुर: अखिल झारखंड साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित प्रथम “झारखंड साहित्य पुरस्कार, 2025” का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के सफल संचालन में अकादमी के संस्थापक पदाधिकारीगण की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इनमें उपाध्यक्ष प्रो. बिरबल महतो, सचिव डॉ. सविता केशरी, सह-सचिव डॉ. पार्वती मुंडू और कोषाध्यक्ष डॉ. खालिक अहमद शामिल हैं. साथ ही, भाषा आधारित संयोजक मंडली के डॉ. डुमनी मुर्मू, डॉ. अजीत मुंडा, डॉ. सरस्वती गगराई, डॉ. चंद्र किशोर केरकेट्टा, डॉ. निताई चंद्र महतो, डॉ. दिनेश दिनमनी, और डॉ. दिनबंधु महतो को भी हार्दिक बधाई दी गई.
साहित्यकारों को सम्मान
इस विशेष अवसर पर झारखंड के 9 प्रतिष्ठित साहित्यकारों को उनके भाषा एवं साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वाले साहित्यकारों में शिव शंकर महली, डॉ. रोज केरकेट्टा, डॉ. सविता केशरी (नागपुरी), चुंडा सोरेन ‘सिपाही’ (संताली), डॉ. हरि उराँव (कुड़ूख), रतन कुमार महतो (कुड़मालि), मंगल सिंह मुंडा (मुंडारी), डॉ. गजाधर महतो ‘प्रभाकर’ (खेरठा), डोबरो बुड़िउली (हो), डॉ. अनिल बिरेन्द्र कुल्लू (खाड़िया), और प्रो. परमेश्वर महतो (पंचपरगनिया) शामिल हैं.
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. त्रिवेणी नाथ साहू (कुलपति, झारखंड खुला विश्वविद्यालय), प्रभात खबर के सेवानिवृत्त प्रधान संपादक अनुज कुमार सिन्हा, पद्मश्री मधु मंसरी, लोक सेवा समिति के संस्थापक मोहम्मद नौशाद, रेणुका मार्डी, सुबोध कुमार दाँगी, अनिल टाना भगत, प्रेम चाँद किस्कू, और शिव कुमार हाँसदा उपस्थित थे.
साहित्यकारों के योगदान को सराहा
इस कार्यक्रम का उद्देश्य झारखंडी साहित्यकारों के योगदान को सम्मानित करना था और अकादमी ने उन्हें उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए आभार व्यक्त किया.
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