कैबिनेट में दी गई कुल 31 प्रस्तावों पर मंजूरी
उदित वाणी, रांची: राज्य सरकार ने खनिज धारित भूमि पर सेस में भारी बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में लौह अयस्क में चार गुणा और कोयले में ढाई गुणा सेस बढ़ाने की मंजूरी दी गई. जिसके तहत लौह अयस्क पर 100 रूपये प्रति मैट्रिक टन की जगह 400 रुपये प्रति मीट्रिक टन सेस की वसूली जायेगी. वहीं कोयला धारित भूमि पर 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर की जगह 250 प्रति मीट्रिक टन सेस वसूलने का निर्णय लिया गया है. जबकि बॉक्साइट धारित भूमि पर 70 की जगह 116 रुपये तथा लाइम स्टोन धारित भूमि पर 50 रुपये की जगह 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस की वसूली की जायेगी. इसके अलावा 23 अन्य खनिजों पर सेस की दर अलग रखी गई है. इस तरह राज्य सरकार ने खनिज धारित भूमि पर वित्तीय बर्ष 2025-26 में 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक सेस वसूलने का लक्ष्य रखा गया है. गौरतलब है कि झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 राज्य में पिछले 11 अक्टूबर को ही पारित किया गया है. अब आकलन पूरा होने के बाद सेस की दरों में संशोधन किया गया है.
कैबिनेट की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने प्रेस ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कैबिनेट में कुल 31 प्रस्ताव पारित किया गया. राज्य में आंधी-तूफान और ग्रीष्म लहर [लू] को राज्य की विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित किया गया है. इन आपदाओं से जान गंवाने वाले के आश्रितों को गृह मंत्रालय भारत सरकार के मापदंड के अनुसार सहायता राशि प्रदान की जाएगी. इसके तहत दुधारू पशुओं, गैर दुधारू पशुओं अथवा ढुलाई के लिए उपयोग की जाने वाले पशुओं की भारपाई के लिए भी सहायता राशि दी जायेगी. राज्य के पुलिस, कक्षपाल, सिपाही, होमगार्ड, उत्पाद सिपाही के लिए संशोधित नियुक्ति नियमावली-2025 का गठन किया गया. जिसके तहत शारीरिक परीक्षा में दौड़ की दूरी कम की गई. पुरुषों के लिए 1600 मीटर की दौड़ 6 मिनट और महिलाओं के लिए 1600 मीटर की दौड़ 10 मिनट में पूरी करने का प्रावधान किया गया.
मेडिकल कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रम पूर्ण होने के बाद 3 बर्ष की सेवा देने के नियम में संशोधन
मेडिकल कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रम पूर्ण होने के बाद 3 बर्ष की सेवा देने के नियम में संशोधन किया गया है. अब मेडिकल कॉलेजों में एक बर्ष सेवा देने के बाद तीन बर्ष तक की सेवा नहीं देनेवाले पीजी मेडिकल छात्रों को 30 लाख रुपये तथा छात्रवृति एवं अन्य भत्ते के रूप में प्राप्त सभी राशि एकमुश्त वापस किये जाने के प्रावधान को संशोधित किया गया है. वैसे छात्र-छात्राओं को अब तीन बर्षों में से सेवा योग्य बचे हुए महीना की संख्या को प्रति महीना 1 लाख 25 रूपये के हिसाब से राशि का भुगतान करना होगा. इसमें छात्रवृति के रूप में भुगतेय राशि भी शामिल है. उदाहरण के लिए यदि कोई मेडिकल छात्र 20 महीने की सेवा राज्य को देने के बाद यदि आगे सेवा देना नहीं चाहते हैं, तो उन्हें बचे हुए 16 माह के लिए 1 लाख 25 हजार रूपये प्रतिमाह के हिसाब से भुगतान बॉन्ड राशि के रूप में करना होगा. वहीं पीजी के बाद बॉन्ड पोस्टिंग की अवधि में सुपर स्पेशियलिटी की पढ़ाई करने राज्य से बाहर जानेवालों को पढ़ाई पूरी करने के बाद बची हुई अवधि के लिए राज्य सरकार के अधीन काम करना होगा. इसके अलावा झारखंड के मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी का पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होने के बाद राज्य में दो बर्षों की सेवा देना अनिवार्य किया गया है. यदि इसमें भी एक बर्ष के बाद कोई अपनी सेवा नहीं देना चाहते हैं, तो उसे बचे हुए हर महीने का डेढ़ लाख रुपये देना होगा.
जेएसएमडीसी के सिकनी कोलियरी में 137 एकड़ खनिज पट्टा को अवधि विस्तार दिया गया. पीटीजीएस और एससी एसटी 13 आवासीय विद्यालय एनजीओ से संचालित करने के लिए अवधि विस्तार दिया गया. सभी पीडीएस दुकानों में ई-पॉश के जरिए खाद्यान्न वितरण के लिए नियमों की शिथिल करते हुए कार्यरत दो एजेंसियों को अवधि विस्तार दिया गया. पावर सेक्टर को भेजे जाने वाले कोयले पर रॉयल्टी के नियमों में सुधार किया गया. झारखण्ड आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका चयन एवं मानदेय तथा अन्य शर्तों सहित नियमावली- 2022 में संशोधन की स्वीकृति दी गई. जिसके तहत आदिम जनजाति बाहुल्य क्षत्रों में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका के लिए पोषक क्षेत्र में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता वाली आवेदिका की अनुपलब्धता की स्थिति में केन्द्र के दो किलोमीटर के परिधि में रहनेवाली महिला का चयन किया जाएगा. ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने के लिए मेसर्स रामसुतार नोएडा को मनोनयन के आधार पर चयनित किया गया. प्रतिमा 25 लाख की लागत से स्थापित किया जायेगा.
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