उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड के स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के स्थानांतरण से संबंधित नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं. इस बदलाव की तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है और जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि इस संशोधन के बाद शिक्षकों का गृह जिले में स्थानांतरण और म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया सरल हो जाएगी. यह बदलाव शिक्षकों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, जिनका कहना है कि वर्तमान नियमों के कारण स्थानांतरण में कठिनाइयाँ आ रही हैं.
2022 में हुए बदलावों की समीक्षा
वर्ष 2022 में स्थानांतरण नियमों में बदलाव किया गया था, जिसके बाद शिक्षकों के गृह जिले में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. अब अंतर जिला स्थानांतरण के दौरान कुछ प्रावधानों में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है. वर्तमान नियमों के तहत शिक्षक के आयु, जोन में तैनाती और प्राथमिकता के आधार पर अंक तय किए गए हैं. इसके अलावा, यदि शिक्षक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो उनका स्थानांतरण किया जाता है. महिला शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए तय प्राथमिकताओं में भी संशोधन किया जाएगा.
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का दौरा किया था, जहां उन्हें स्कूल की व्यवस्थाएं बेहतर पाई, लेकिन उन्होंने देखा कि सुरक्षा व्यवस्था की कमी थी. यहां सुरक्षाकर्मी और माली नहीं थे. मंत्री ने निर्देश दिया कि जल्द ही स्कूलों में दो-दो सिक्योरिटी गार्ड और एक माली की बहाली की जाएगी.
गांव के शिक्षकों के शहर में प्रतिनियोजन पर कार्रवाई
मंत्री ने यह भी बताया कि वे स्कूलों का लगातार दौरा कर रहे हैं और शिक्षकों से मिल रहे हैं. इस दौरान उन्हें यह देखने को मिला कि गांव के स्कूलों में तैनात कई शिक्षक शहर के स्कूलों में प्रतिनियोजन करवा चुके हैं. मंत्री ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन शिक्षकों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी दी है, खासकर हाई स्कूलों में इस प्रकार के प्रतिनियोजन को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.
जनजातीय भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि झारखंड के प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए विभिन्न जिलों से सर्वे रिपोर्ट मंगवायी जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर करीब 10,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. ये शिक्षक झारखंड की 15 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं में होंगे, जिनमें संताली, हो, खड़िया, कुड़ुख, मुंडारी, माल्तो, बिरहोरी, भूमिज, असुर, बांग्ला, ओड़िया, पंचपरगनिया, खोरठा, कुड़माली और नागपुरी जैसी भाषाएँ शामिल हैं.
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