उदित वाणी, रांची: झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 3 मार्च 2025 को राज्य का बजट प्रस्तुत करते समय मशहूर अभिनेता, कवि और संगीतकार पीयूष मिश्रा की कविताओं और गानों का जिक्र किया. उन्होंने श्याम बेनेगल की ऐतिहासिक ड्रामा सीरीज ‘भारत एक खोज’ से अभिनय की शुरुआत करने वाले पीयूष मिश्रा को याद किया और उनकी रचनाओं को अपनी बजट प्रस्तुति से जोड़ा.
‘तू फूल सूंघता रहा’ कविता का उल्लेख
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने पीयूष मिश्रा की मशहूर कविता ‘तू फूल सूंघता रहा’ को पढ़ते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार पीयूष मिश्रा की निम्नलिखित पंक्तियों से प्रेरित होकर झारखंड की जनता के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कविता की यह पंक्तियाँ पढ़ीं –
“हम जिस गति से हैं चले, उस गति को पाएंगे
आप फूल सूंघते रहे, तो किस गति को जाएँगे
सर के जिस पर तेज हो, और हाथ में हो धनुष बाण
वीर उसको बोलते, जो बूढ़ा हो या जवान
रण में जाकर हो खड़ा तू, चक्र व्यूह को तोड़ दे
मौत को मात दे और दुश्मनों को मरोड़ दे.”
‘आरंभ है प्रचंड’ गाने से गूंजा सदन
वित्त मंत्री ने पीयूष मिश्रा के गाने ‘आरंभ है प्रचंड’ का भी जिक्र किया, जो फिल्म गुलाल का हिस्सा था. यह गीत 2009 में रिलीज हुई थी और आज भी जोश और उत्साह का प्रतीक है. उन्होंने इस गाने की कुछ पंक्तियाँ पढ़ीं और कहा कि वह अपना बजट अभिभाषण इस गाने में किए गए आंशिक परिवर्तन के साथ समर्पित कर रहे हैं. गीत के बोल थे:
“आरंभ है प्रचण्ड बोल मस्तकों के झुण्ड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो,
आन बान शान या की जान का हो दान
आज एक धनुष के बाण पे उतार दो
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्वशक्तिमान है,
विश्व की पुकार है ये भगवत का सार है की
युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है
कौरवों की भीड़ हो या पाण्डवों का नीर हो
जो लड़ सका है वही तो महान है
जीत की हवस नहीं किसी पे कोई बस नहीं क्या
ज़िन्दगी है ठोकरों पर मार दो,
मौत अन्त हैं नहीं तो मौत से भी क्यों डरे
ये जाके आसमान में दहाड़ दो.”
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