उदित वाणी, जमशेदपुर: कांग्रेसी नेता सैयद रजा अब्बास रिजवी ‘छब्बन’ की याद में अदारा शायकीने-शेरो-अदब, जमशेदपुर ने कबीर मेमोरियल उर्दू हाई स्कूल, आजाद नगर के सभागार में एक काव्यगोष्ठी का आयोजन किया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ हसन इमाम मालिक शामिल हुए. गोष्ठी की अध्यक्षता मासूम मुजतर ने की. स्वागत भाषण संस्था के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध शायर प्रो अहमद बद्र ने दिया. उन्होंने छब्बन रिजवी को याद करते हुए कहा कि वे लौहनगरी के लौह पुरुष थे. साहित्य जगत में उनकी सेवाएं असीमित हैं जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर इमाम ने अपने संबोधन में कहा कि छब्बन साहब मेरे बड़े भाई ही नहीं बल्कि मार्गदर्शक भी थे. उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा. मैं उनका का नाम धूमिल नहीं होने दूंगा और विश्वास है कि इसमें मुझे समाज का सहयोग मिलेगा. यह गोष्ठी एक काव्य गोष्ठी थी, जिसमें शायरों ने छब्बन साहब पर लिखी गई कविताओं को पढ़कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम व्यक्त किया. उभरते हुए शायर सद्दाम गनी की लिखी हुई नात शरीफ को सफीउल्लाह सफी ने अपनी सुंदर आवाज में पढ़कर गोष्ठी को प्रारंभ किया.
उसके बाद सभी शायरों ने अपने अपने कलाम पढ़कर कार्यक्रम को यादगार बनाया. इस गोष्ठी में शामिल होने वाले शायरों में अहमद बद्र, सैयद शमीम अहमद मदनी, जमील मजहर, खुर्शीद अजहर, गौहर अजीज, रिजवान औरंगाबादी, मुस्ताक अहजन, मुस्ताक राज, जफर हाश्मी, हरि कुमार सबा, सद्दाम रानी, संजय सोलोमन, सफीउल्लाह सफी तथा तनवीर अख्तर रूमानी के नाम प्रमुख हैं.
गौहर अजीज ने अपने सुंदर संचालन से गोष्ठी को कामयाब बनाया तथा रिजवान औरंगाबादी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस सभा में मोहम्मद असलम मलिक अलहिरा पुस्तकालय के संस्थापक शाहनवाज जी एवं प्रसिद्धि लेखक अख्तर आजाद के अलावा कई साहित्य प्रेमी उपस्थित हुए.
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