
उदित वाणी, जमशेदपुर : 14 जून विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है. यह दिन रक्तदाताओं के सम्मान को समर्पित है और इस दिन को यादगार बनाने के लिए रक्तदान से जुड़ी हर संस्था कोई न कोई कार्यक्रम करती है. हमारे पूर्वी सिंहभूम जिला विशेषकर इसका शहरी क्षेत्र जमशेदपुर रक्तदान के मामले में पूरे देश के नक्शे में एक विशेष शहर के रूप में जाना जाता है. जमशेदपुर में रक्तदान की शुरुआत जमशेदपुर ब्लड बैंक (अब जमशेदपुर ब्लड सेन्टर) की स्थापना के साथ हुई.
1967 में ब्लड बैंक की स्थापना
1967 मे जमशेदपुर में ब्लड बैंक की स्थापना की पहल पारसी समुदाय द्वारा की गयी, जिसे टाटा स्टील द्वारा समर्थन दिया गया. इस अभियान को सबसे पहले महिलाओं का नेतृत्व मिला, जिसमें श्रीमती लीला मूलगांवकर और लेडी रोशन जे. गांधी शामिल थी. ऑल इंडिया वीमें कांफ्रेंस के बैनर तले वर्तमान में जमशेदपुर आई हॉस्पीटल परिसर में एक छोटे से जगह में शुरु किया गया. रक्तदान अभियान या जमशेदपुर में ब्लड बैंक की स्थापना की सोच सरोज जे. गांधी की रही. उस समय जमशेदपुर के पारसी समुदाय ने इस अभियान के लिए काम किया. बाद में जब रक्तदान के विषय में जागरुकता आयी तो इसमें लोग जुड़ते गये और आज यह शहर रक्तदाताओं के शहर के रूप में भी जाना जाता है.
1971 में जमशेदपुर ब्लड बैंक की हुई स्थापना
1971 में स्टाकिंग रोड, धातकीडीह (टीएमएच के बगल में) में स्थान आवंटन के पश्चात जमशेदपुर ब्लड बैंक वर्तमान नाम जमशेदपुर ब्लड सेंटर की स्थापना की गयी. इसकी स्थापना में रेड क्रॉस सोसायटी, पूर्वी सिंहभूम, जर्मन के मेसर्स मिसरोर, रुंगटा समूह, भरूचा परिवार सहित अनेक उदार दिल संस्थाओं ने ऑल इंडिया वीमेन्स कांफ्रेंस का साथ दिया. आज जमशेदपुर के आसपास, जहां एमजीएम हॉस्पिटल में तथा सदर अस्पताल में ब्लड बैंक का संचालन किया जाता है, वहीं बगल के सरायकेला-खरसवां जिला में ब्रह्मानंद ब्लड सेन्टर संचालित है. पश्चिमी सिंहभूम में सदर अस्पताल में तथा चक्रधपुर अनुमंडल अस्पताल में भी रक्त की सीमित मात्रा संरक्षित की जाती है, लेकिन आज भी जमशेदपुर ब्लड सेन्टर ही तीनों जिलों के लिए रक्त प्राप्त करने का मुख्य केन्द्र है.
पूर्वी भारत का उत्कृष्ट ब्लड सेंटर
इस केन्द्र की विश्वसनीयता अंतर्राष्ट्रीय है, क्योंकि तकनीक के मामले में यह झारखंड ही नहीं, पूर्वी भारत का एक उत्कृष्ट ब्लड सेन्टर के रूप में जाना जाता है. इस ब्लड सेन्टर का संचालन नो प्रोफिट नो लॉस के आधार पर किया जाता है, जिसके कारण यहां ब्लड कम्पोनेन्ट पर लगने वाले प्रोसेसिंग चार्ज सभी निजी ब्लड बैंक/सेन्टर से कम है और इस सेन्टर से 25 हजार से अधिक रक्तदाता जुड़े हैं, जो वर्ष में कम से कम एक बार अवश्य रक्तदान करते हैं. रक्तदान को बढावा देने के लिए जमशेदपुर ब्लड सेन्टर के साथ रेड क्रॉस सोसायटी, पूर्वी सिंहभूम, झारखंड वोलेंटरी ब्लड डोनर्स एसोसियेशन रजिस्टर्ड संस्थाएं के रूप में कार्य करती है और अन्य सैकड़ों संस्थाएं इनके साथ जुड़कर कार्य कर रही है. रक्तदान को प्रोत्साहित करने में टाटा समूह कम्पनियों के साथ अन्य कम्पनियां भी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाती है, जिनमें रामकृष्णा फोर्जिग्स लि और आरएसबी समूह शामिल है. रक्तदान के एक पूरे अभियान को एक सूत्र में पिरोने का कार्य जमशेदपुर ब्लड सेन्टर के माध्यम से किया जाता है.
वित्तीय वर्ष (2024-25) की रिपोर्ट
इस वर्ष कुल वोलेंटरी ब्लड डोनेशन पूरे शहर का – 61 हजार (जमशेदपुर ब्लड बैंक द्वारा 53944)
कुल वोलेंटरी कैम्प पूरे शहर में 590
जमशेदपुर ब्लड बैंक द्वारा 531 (इसमें रेड क्रॉस द्वारा 78 रक्तदान शिविर एवं 9500 रक्तदान)
कुल एसडीपी डोनेशन – इस वर्ष 1024 (रेड क्रॉस द्वारा 380 लगभग)
शहर में सेंचुरियन रक्तदाताओं की संख्या – 57
75 बार वाले लगभग – 200 से अधिक
50 बार वाले लगभग – 250 से अधिक
25 बार वाले लगभग – 500 से अधिक
नियमित रक्तदाता – 26 हजार
रक्तदान को प्रोत्साहन देने के लिए उद्देश्य से रेड क्रॉस सोसायटी, पूर्वी सिंहभूम द्वारा प्रत्येक महीने जहां नियमित रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन रेड क्रॉस भवन में 8 तारीख को किया जाता है, वहीं प्रत्येक महीने के 6 तारीख को रक्तदान एवं रक्त जागरुकता विषय पर एक विशेष सेशन का आयोजन जमशेदपुर ब्लड सेन्टर के सहयोग से किया जाता है ताकि रक्तदान के प्रति लोगों की गलत भ्रान्तियों को दूर किया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा सके. रेड क्रॉस सोसायटी, पूरे साल ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर रक्तदान शिविरों के आयोजन में मदद करती है. जिससे पोटका, पटमदा, बोड़ाम, धालभूमगढ़, मुसाबनी, घाटशिला जैसे दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में अब वार्षिक रक्तदान शिविर का आयोजन वहां के जागरूक युवाओं द्वारा किया जाता है.
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