उदित वाणी, जमशेदपुर: उपायुक्त अनन्य मितल के मार्गदर्शन में “सुरक्षित इंटरनेट दिवस” पर करीम सिटी कॉलेज में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में प्रशासनिक और पुलिस विभाग के साथ-साथ कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्राओं का भी सक्रिय योगदान रहा. वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, और अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया. यह कार्यशाला राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, पूर्वी सिंहभूम के सहयोग से आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग और साइबर अपराध से बचाव के उपायों पर जागरूकता फैलाना था.
इंटरनेट सुरक्षा और साइबर अपराध से बचाव
कार्यशाला के दौरान वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने इंटरनेट के बढ़ते उपयोग और इसके सुरक्षित इस्तेमाल पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने हमारी जीवनशैली को सरल तो बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही हमें सावधान रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि कई बार शॉर्टकट से पैसे कमाने के लालच में लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं. साइबर अपराधी लगातार नए तरीकों से लोगों को धोखा देने की कोशिश करते हैं. इस पर उन्होंने सुरक्षित लेन-देन और सतर्कता की आवश्यकता को बताया.
साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान ने कहा कि जैसे हम अपने घर की सफाई करते हैं, वैसे ही हमें अपनी ऑनलाइन दुनिया को भी स्वच्छ और सुरक्षित रखना चाहिए. उन्होंने डिजिटल अरेस्ट और उच्च रिटर्न का लालच देने वाले जालसाजों से सतर्क रहने की सलाह दी.
एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार ने बताया कि साइबर अपराध किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, और इसके प्रति जागरूकता जरूरी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऑनलाइन बच्चों और युवाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
सयुंक्त निदेशक (आईटी) सह जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी ने साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों के बारे में बताया. उन्होंने अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता जांचने की आवश्यकता पर जोर दिया. साथ ही, अनजान स्रोतों से प्राप्त लिंक और एसएमएस की जांच करने की सलाह दी.
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध होने पर 1930 नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज की जा सकती है और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा, ट्रांजेक्शन ब्लॉक कराना और महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी जैसे OTP, आधार कार्ड, पैन कार्ड को अनजान व्यक्तियों से साझा न करना अत्यंत आवश्यक है.
उपस्थित लोगों को प्रशिक्षण और तकनीकी टिप्स
कार्यशाला में साइबर सुरक्षा, सोशल मीडिया सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीप फेक, व्हाट्सएप सिक्योरिटी, डिजिटल अरेस्ट, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई. सयुंक्त निदेशक (आईटी) सह जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (साईबर), और अन्य विशेषज्ञों ने तकनीकी टिप्स और उपायों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया.
इस कार्यशाला में जिला एवं प्रखंड के पदाधिकारी, कर्मी, प्रज्ञा केंद्र संचालक, छात्र-छात्राएं, शिक्षक, अभिभावक, आंगनवाड़ी सेविकाएं और पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए, और उन्हें साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया गया.
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