आरपीएफ ने महिला को वन विभाग को सौंपा, पूछताछ जारी
महिला ने दिल्ली के कार्तिक का नाम सांपों के रिसीवर के तौर पर उगला
उदित वाणी, जमशेदपुर: जहरीले सांपों और जीव जंतुओं के साथ रविवार की शाम नीलांचल एक्सप्रेस से गिरफ्तार महिला स्नैक स्मगलिंग के कारोबार में कोरियर की भूमिका अदा कर रही थी और उसे इसके लिए 7 हजार रुपये मिलने थे.
सांपों और दूसरे जीव जंतुओं से भरा बैग नागालैंड के दीमापुर में एक अनजान व्यक्ति ने दिया था. वैसे देवी चंद्रा नामक यह महिला नागालैंड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के पुणे के घोरपड़ी की रहनेवाली है. रविवार की शाम टाटानगर आरपीएफ ने उसे दिल्ली जानेवाली नीलांचल एक्सप्रेस से बैग समेत पकड़ा था.
टाटानगर आरपीएफ प्रभारी एसके तिवारी ने महिला और जब्त प्राणियों को जमशेदपुर वन विभाग को सुपुर्द कर दिया. अब वन विभाग की टीम महिला से पूछताछ कर रही है.
कुत्तों के ट्रांसपोर्टेशन का काम करती है महिला
महिला ने अब तक की पूछताछ में बताया है कि वह महाराष्ट्र के पुणे के घोड़पड़ी की रहने वाली है. शादी के बाद से ही उनके पति की मृत्यु हो गई थी. उन्होंने एक बेटी को किसी तरह पाला पोसा और शादी करवा दी.
वह श्वान (डॉग) के ट्रांसपोर्टेशन का काम करती है. काम के दौरान उसे दीमापुर के अंश ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी मिली और इसके बाद संपर्क बढ़ता गया. वह दो तीन बार अंश ट्रांसपोर्टेशन के पास आना जाना कर चुकी थी.
4 नवंबर को जब वह दीमापुर से पुणे जाने के लिए निकली तो इसी बीच ट्रेन खुलने के बाद एक व्यक्ति आया और अंश ट्रांसपोर्टेशन का कर्मचारी बताकर बैग को दिल्ली में कार्तिक नामक व्यक्ति को पहुंचा देने को कहा. इसके लिए उसने सात हजार रुपए देने की बात कही और कहा कि बैग में कीमती सामान है.
इसके बाद ट्रेन चल पड़ी. वह रविवार को हिजली पहुंची और फिर वहां से दिल्ली के लिए नीलांचल एक्सप्रेस पर चढ़ी. टाटानगर स्टेशन पर उसे पुलिस ने पकड़ लिया.
तीन हजार रुपये मिले थे
पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि बैग पहुंचाने के लिए उसे कुल सात हजार रुपए मिलते. तीन हजार रुपए इसके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए. बाकी के रुपए बैग देने के बाद मिलते. यह बैग दिल्ली स्टेशन में कार्तिक नामक व्यक्ति को देने थे.
कार्तिक पूरे रास्ते फोन पर संपर्क में था. पकड़ाने के बाद भी वह फोन पर बात कर रहा था. फिलहाल सभी प्राणी वन विभाग की देखरेख में है. चूंकि विभाग के पास सभी प्राणियों को रखने के लिए रेस्क्यू सेंटर नही है इसलिए विभाग इसकी व्यवस्था कर रहा है. वन विभाग मामले की जांच कर रहा है.
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