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उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज के संस्कृत एवं दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सात दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है.
इसी क्रम में आज बुधवार को व्याख्यानमाला श्रृंखला के 35 वीं कड़ी में “आजादी का अमृत महोत्सव और संस्कृत” विषयक व्याख्यान आयोजित किया गया. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष ‘डॉ. धनंजय कुमार मिश्र’ ने संबोधित किया .
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत भारत की विरासत है। यह हर भारतीय की भाषा है, जो गंगा के समान पवित्र और कांता के समान उपदेशक है. नासा के अनुसार संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है, इसलिए कंप्यूटर के लिए अत्यंत उपयोगी है. सम्प्रति भारत सहित 300 से अधिक विश्वविद्यालयों में संस्कृत का अध्ययन – अध्यापन हो रहा है .
अत: अपनी विरासत को सुरक्षित रखने और संवर्धित करने के साथ इसमें छिपे ज्ञान रत्न से आने वाली पीढ़ियों को परिचित कराना हमारा दायित्व है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने व्याख्यानमाला का उद्घाटन करते हुए सभी का स्वागत किया एवं शुभकामनाएं दी.
मंच का सफलतापूर्वक संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष सह व्याख्यानमाला की संयोजिका डॉ.लाडली कुमारी तथा धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना कुमारी गुप्ता ने किया. इस अवसर पर वर्कर्स कॉलेज के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी तथा छात्र- छात्राएं के साथ अन्य महाविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें .
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