उदित वाणी, जमशेदपुर : नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को अपनाया गया था. प्रधानमंत्री ने भारत की ओर से असाधारण नेतृत्व दिखाया. यदि भारत सतत विकास के लक्ष्यों के लिए मायने रखता है तो सतत विकास लक्ष्य भी भारत के लिए मायने रखता है. एजेंडा 2030 में 17 एसडीजी लक्ष्य शामिल हैं और प्रत्येक के अपने लक्ष्य हैं. दिसंबर तक भारत देशों के एक समूह की अध्यक्षता संभाल लेगा और एसडीजी के बारे में दुनिया को कुछ कठोर सच भी बताएगा. बेरी बुधवार को एक्सएलआरआई जमशेदपुर में आयोजित वर्गीस कुरियन व्याख्यानमाला में बोल रहे थे.
भारतीय मॉडल पर जोर दिया
उन्होंने एसडीजी स्थानीयकरण के भारतीय मॉडल पर भी जोर दिया, जिसमें 4 स्तंभ हैं- संस्थागत स्वामित्व बनाना, एक मजबूत समीक्षा और निगरानी प्रणाली की स्थापना करना, एसडीजी को योजना और निगरानी में एकीकृत करने की क्षमता विकसित करना और संपूर्ण समाज दृष्टिकोण को बढ़ावा देना.
बेरी ने आग्रह किया कि नागरिकों के रूप में आपको अपनी राज्य सरकार को इस बात के लिए जिम्मेदार ठहराने का अधिकार है कि वे क्या हासिल कर रहे हैं और एसडीजी के संदर्भ में वे क्या हासिल नहीं कर रहे हैं ? उन्होंने उदाहरण के तौर पर राज्य की विभिन्न पहलों को साझा किया. उन्होंने यह भी चर्चा की कि कैसे नीति आयोग लक्ष्य और संकेतकों के आधार पर हर साल राष्ट्रीय प्रगति की निगरानी करता है.
एसडीजी इंडेक्स बना रहे हैं-बेरी
हमने एसडीजी इंडेक्स को एक साथ लाने के लिए डेटा पर कड़ी मेहनत की. डेटा एकत्र करने के लिए राष्ट्रीय सर्वेक्षण, सार्वजनिक डोमेन, मंत्रालय के डेटा, राष्ट्रीय स्तर के डेटा स्रोतों का उपयोग किया जाता है. एसडीजी आत्म-मजबूत हैं और आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं को शामिल करते हैं.
बेरी ने सलाह दी कि छात्र भारत के भविष्य के नेता हैं और जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रतिबद्धता के रूप में ऐसा करते हैं जैसे कि आप एसडीजी का अपना हिस्सा कर रहे हैं. ये क्यों महत्वपूर्ण हैं, इस बारे में अपनी चेतना बढ़ाएं.
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