उदित वाणी, जमशेदपुर: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) 23 हजार से अधिक हायर एजुकेशन कोर्सेज के लिए एक नया वेब पोर्टल शुरू करने जा रहा है. इसके तहत इन कोर्सेज में नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध होगी. यूजीसी ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और बाल देखभाल समेत विभिन्न कोर्सेज अब एक नए वेब पोर्टल पर निशुल्क उपलब्ध होंगे.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के तहत यह सुविधा शुरू की जा रही है, जिसका उद्देश्य डिजिटल अंतराल को खत्म करने और देश के दूरदराज के हिस्सों में उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाना है. यूजीसी ने ई-संसाधनों को एकीकृत करने के मकसद से आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ करार किया है.
मंत्रालय के तहत 7.5 लाख सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) और स्पेशल पर्पज वीकल (एसपीवी) केंद्र काम कर रहे हैं.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के दो साल पूरे होने के मौके पर स्नातकोत्तर के 23 हजार कोर्स, 137 स्वयं मूक कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहीं, पहली बार 25 नॉन इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई छात्रों को अब आठ भारतीय भाषाओं मे करने का मौका मिलेगा। दरअसल, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल शिक्षा की घोषणा की थी।
इसी के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने योजना तैयार की है। इसमें पंचायतों के कॉमन सर्विस सेंटर और स्पेशल परपज व्हीकल सेंटर से यूजीसी अपना पूरा डिजिटल कंटेंट जोड़ देगी। इसमें छात्र प्रतिदिन 20 रुपये या फिर महीने की पांच सौ रुपये फीस देकर अपना कोर्स और पढ़ाई कर सकता है।
ये 25 कोर्स आठ भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेट
अकादमिक राइटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी इन एजुकेशन, कॉरपोरेट लॉ, कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग, सिटी एंड मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल लाइब्रेरी, डायरेक्ट टैक्स-लॉ एंड प्रैक्टिस, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन, आर्गेनिक केमिस्ट्री , रिसर्च मैथोलॉजी, एनिमेशन समेत 25 कोर्स को हिंदी, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तेलगू, मलयालम, तमिल और कन्नड़ भाषा में ट्रांसलेट किया गया है।
घर बैठे मिलेगी गुणवत्ता युक्त शिक्षा
दूरदराज व ग्रामीण इलाकों के लाखों छात्र अब छात्र घर बैठे स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई के साथ इन कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। अभी तक सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही इन कोर्स की पढ़ाई की जा सकती थी, लेकिन इनमें से 25 कोर्स को आठ भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है। कॉमन सर्विस सेंटर अब सिर्फ सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि यहां पर छात्र अपनी उच्च शिक्षा की पढ़ाई भी कर सकेंगे।
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