उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटानगर रेल सिविल डिफेंस ने इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में लोको पायलट और सहायक लोको पायलटों को ट्रेन में आग लगने पर सुरक्षात्मक कार्य करने का विशेष प्रशिक्षण दिया. इस एक दिवसीय कार्यशाला में सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को ट्रेन में आग लगने की स्थिति में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदमों के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि आग लगने पर रेल इंजन की फ्रेशर लाइट जलाकर उसे सुरक्षित स्थान पर खड़ा करना चाहिए, यात्रियों को बाहर निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए और स्टेशन मास्टर को तुरंत सूचना देनी चाहिए. जिस कोच में आग लगी हो, उसे अन्य कोच से कम से कम 45 मीटर की दूरी पर अलग कर देना चाहिए. गाड़ी को रोल होने से रोकने के लिए सुरक्षा उपाय करने चाहिए. यदि यह मालगाड़ी हो, तो वैगन लेवल सील और माल को सुरक्षित करने का प्रयास किया जाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि आग बुझाने के लिए आसपास उपलब्ध संसाधनों जैसे पानी, मिट्टी, बालू आदि का उपयोग किया जा सकता है. साथ ही, आपात स्थिति के लिए ट्रेन के विभिन्न हिस्सों में फायर एक्सटिंग्विशर रखे जाते हैं, जिनका सही तरीके से इस्तेमाल कर आग को नियंत्रित किया जा सकता है.
प्रशिक्षण शिविर में दक्षिण पूर्व रेलवे के रांची, आद्रा, चक्रधरपुर, खड़गपुर, संतरागाछी, मालदा और कोलकाता सहित ईस्टर्न रेलवे के कई लोको पायलट व सहायक लोको पायलटों ने भाग लिया. सिविल डिफेंस डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने एलपीजी गैस लीक से होने वाली आग को बुझाने का प्रशिक्षण दिया, जबकि डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने डीसीपीटी फायर एक्सटिंग्विशर और कार्बन डाइऑक्साइड फायर एक्सटिंग्विशर के सही उपयोग व सावधानियों पर जानकारी दी.
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