
उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में चल रहे टैक्स क्लिनिक का बुधवार को समापन हो गया. टैक्स क्लिनिक में कुल 17 व्यावसायियों ने आकर झारखण्ड सरकार द्वारा लाई गई कर समाधान योजना के बारे में जानकारी ली.
टैक्स क्लिनिक के संयोजक राजेश अग्रवाल ने बताया कि झारखंड सरकार पुराने बकायों एवं विवादों के समाधान के लिए जो योजना लाई है, वह पूरे झारखण्ड के व्यावसायियों के लिए बेहद लाभप्रद है. जीएसटी लागू होने के पूर्व की अवधि का कोई भी कर, ब्याज एवं पेनाल्टी बकाया हो, उसे 40 प्रतिशत कर एवं 10 प्रतिशत ब्याज तथा पेनाल्टी देकर अपना बकाया समाप्त करने का प्रावधान है.
उन्होंने व्यावसायियों से आग्रह किया कि वे यथाशीघ्र अपना ऑनलाइन आवेदन भर दें.
कर समाधान फॉर्म में कई त्रुटियां हैं-राजीव अग्रवाल
अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने बताया कि कर समाधान योजना के क्रियान्वयन के लिए जो ऑनलाईन फॉर्म उपलब्ध है, उसमें कुछ त्रुटियां भी हैं, जिसे सरकार को दूर करनी चाहिए, उदाहरण स्वरूप बिहार फाइनेंस एक्ट के लंबित मामलों के लिए कोई अलग कॉलम नहीं दिया गया है.
मानद महासचिव मानव केडिया ने सरकार से आग्रह किया कि कर समाधान योजना के प्रावधानों को आसानी से समझने के लिए सरकार को एक विस्तृत स्पष्टीकरण (उदाहरण सहित) उपलब्ध कराना चाहिए.
किशोर गोलेछा ने आग्रह किया कि किसी विचाराधीन मामले में स्टे लेने के लिए यदि किसी व्यवसायी ने पूर्व में कोई रकम जमा कराई है तो स्वीकृत कर न माना जाय एवं अंतिम आदेश पारित होने के बाद देय राशि से उसे घटाने के लिए स्वीकृति दे.
सचिव, वित्त एवं कराधान पीयूष चौधरी ने सभी सुझावों को सरकार एवं वित्त विभाग तक पहुंचाने का आश्वासन दिया एवं टैक्स क्लिनिक में शामिल हुए सभी एक्सपर्ट्स को धन्यवाद देते हुए उनका आभार प्रकट किया.
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