जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम समेत पांच जिलों रांची, धनबाद, रामगढ़ तथा सरायकेला खरसावां में भी 22 अप्रैल तक महज 4,623 नागरिकों को ही सतर्कता डोज लग सकी है. वयस्कों (18 वर्ष से ऊपर) के दोनों डोज के टीकाकरण में खूंटी जिला सबसे आगे निकल गया है. यहां सौ प्रतिशत से अधिक लक्षित वयस्क आबादी में सौ प्रतिशत को दोनों डोज का टीका लग चुका है.
शत-प्रतिशत टीकाकरण की दौड़ में सिमडेगा और गुमला भी शामिल हैं, जहां 90 प्रतिशत से अधिक लक्षित वयस्कों को दोनों डोज का टीका लग चुका है. बता दें कि राज्य में अभी तक लक्षित आबादी (18 वर्ष से अधिक) में सौ प्रतिशत को पहली डोज का टीका लग चुका है. वहीं, इस आयु वर्ग के 72 प्रतिशत लोगों को ही दोनों डोज का टीका लग सका है.
झारखंड कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत सतर्कता डोज में काफी पीछे है. स्थिति यह है कि 18 से 59 वर्ष के नागरिकों को छोड़ भी दें तो यहां अभी तक हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों में आठ प्रतिशत को ही सतर्कता डोज लग सकी है. यह स्थिति तब है जब इन सभी को सरकारी टीका केंद्रों पर मुफ्त वैक्सीन लगाई जा रही है. इसका बड़ा कारण यह भी है कि राज्य में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी डोज का टीका नहीं लग सका है.
झारखंड में हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के 38,28,349 नागरिक लक्षित हैं. इनमें से अभी तक 2,92,014 नागरिकों को ही सतर्कता डोज लग सकी है. इस तरह, इस लक्षित आबादी में आठ प्रतिशत काे ही यह डोज लगी है. दूसरी तरफ, केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों को 18-59 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को सतर्कता डोज लगाने की अनुमति तो दी है, लेकिन राज्य के पांच जिलों के कुछ अस्पतालों में ही डोज लगाई जा रही है.
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