उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिहंभूम के सबसे हाई प्रोफाइल जमशेदपुर प्रखंड के 7 जिला परिषद सीट के अलावा 55 मुखिया और 71 पंचायत समितियों साथ 711 वार्ड मेंबर का भी चुनाव होना के लिए 27 मई को मतदान होना है. हालांकि इनमें से कुछ वार्ड मेंबर निर्विरोध चुने गए हैं. कल पंचायत चुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दिन है और इसके साथ चुनावी शोर चरम पर पहुंच गया है. जमशेदपुर प्रखंड से ही निर्वतमान जिला परिषद अध्यक्ष बुलू रानी सिंह और उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह आते हैं. अद्र्धशहरी और शहरी इलाका होने की वजह से यहां राजनीतिक दांव पेंच भी विशुद्ध गांवों से थोड़ी अलग है. इसके अलावा यहां की सभी 7 सीटें दिग्गज राजनीतिज्ञों के प्रभाव वाली भी हैं. पर्दे के पीछे से तमाम बड़े नाम पूरा जोर लगा रहे हैं और अंतिम दिन प्रचार पर पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं. 25 मई को यहां प्रचार का शोर थम जाएगा. ऐसे में कल हर गली और सड़क में प्रचार के अंतिम दिन का शोर और जुलूस देखने को मिलेगा.
हाईवे और आसपास तेज है राजनैतिक सरगर्मी
जमशेदपुर प्रखंड के जिला परिषद अंश संख्या 4 में जुबानी जंग से लेकर मामले केस कचहरी तक पहुंच गए हैं. दलीय राजनीति से इतर एक ही दल के दो प्रत्याशियों की जंग यहां दिलचस्प हो गई है. झामुमो के ही प्रभावती देवी जिप सदस्य पिंटू दत्ता की पत्नी है और मंत्री चंपई सोरेन के भी करीबी हैं और इनके ठीक सामने विधायक मंगल कालिंदी की करीबी प्रत्याशी सपना रानी धीवर मैदान में है. जबकि यहां भाजपा नेता कड़ाकर गोप की पत्नी कदांबिनी गोप और आजसू नेत्री मिनोती टुडू के अलावा आजसू नेता राजेश कर्मकार की पत्नी प्रमिला कर्मकार भी दौड़ में है.
सामान्य सीट पर एसटी गणेश की चुनौती
जमशेदपुर के अंश 5 में पूर्व जिला परिषद सदस्य व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के भांजे गणेश सोलंकी को एसटी प्रत्याशी के तौर पर चुनौती मिल रही है. यह सामान्य सीट है और विपक्षी इस मुद्दे को भुनाने से भी नहीं चुक रहे हैं. उनके सामने पूर्व भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद की चुनौती है और साफ तौर पर वे सामान्य सीट से सामान्य प्रत्याशी की जीत की वकालत कर रहे हैं. इसी सीट से कांग्रेस के युवा नेता परितोष सिंह भी हैं और इंटक के विजय कुमार की दावेदारी भी बनी हुई. वहीं प्रखंड प्रमुख से जिला परिषद बनने की हसरत के साथ अफतल अख्तर भी मैदान में हैं. कहानी यहीं खत्म नहीं हुई है, झामुमो जिलाध्यक्ष विधायक रामदास सोरेन के करीबी कालीपदो गोराई की चुनौती भी इसी सीट से है. ऐसे में यहां का चुनावी रण फिलहाल घोड़ाबांधा से गोविंदपुर तक बेहद रोमांचक हो गया है.
अंश-6 में राजकुमार सिंह और विधायक के करीबी का दांव
जिला परिषद अंश 6 जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह की साख के साथ जुड़ी है. इस बार यहां से विधायक मंगल कालिंदी के सहयोगी जीतेंद्र सिंह की पत्नी सोमा देवी ईंट छाप पर मैदान पर है. जबकि बिस्कुट छाप पर आजसू नेता व लगातार चुनाव लड़ रहे संजय मालाकार की पत्नी मंजू देवी भी है. इसके अलावा पंचायत समिति सदस्य विश्वजीत कुंभकार की पत्नी आशा कुंभकार भी मैदान में है. जबकि झामुमो से ही ढुली पूर्ति और अन्य प्रत्याशियों की भीड़ भी इस क्षेत्र में चुनावी रोमांच बढ़ा रही है.
जिप संख्या-7 से प्रदीप गुहा, मास्टरजी और पंकज में जंग
निर्वतमान जिप सदस्य राखी गुहा के पति प्रदीप गुहा उर्फ छोटका इस बार पत्नी की सीट बचाने को मैदान में है. उन्हें आजसू के संगठन सचिव स्वपन कुमार सिंहदेव उर्फ मास्टरजी के अलावा जिप उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह के करीबी व जमशेदपुर बार एसो. अध्यक्ष अजीत कुमार अंबष्ट के अनुज पंकज सिन्हा से चुनौती मिल रही है. हालांकि पंकज के लिए उन्हीं के पार्टी के ओबीसी मोर्चा नेता सुमित कुमार शर्मा लंगड़ी मार रहे हैं.
बागबेड़ा कीताडीह में कविता, बबीता और लक्ष्मी का जोर
जिला परिषद क्षेत्र संख्या 8 के बागबेड़ा-कीताडीह इलाके में इस बार
अखिल भारतीय क्षत्रीय महासंघ समेत विभिन्न राजनैतिक दल व संगठनों का समर्थन के साथ मैदान में उतरी कविता परमार और पूर्व जिप सदस्य किशोर यादव की पत्नी लक्ष्मी देवी के बीच रोचक जंग देखने को मिल रही है. चहुं ओर जहां इस बार कविता पर मार का नारा बुलंद है तो वहीं संजय मिश्रा की पत्नी बबीता मिश्रा भी इलाके में तेजी से दौरा कर अपनी साख मजबूत कर रही है.
जिप 9 में पियाली, पुर्णिमा और अर्पणा को जीत की उम्मीद
निर्वतमान जिला परिषद राणा डे की पत्नी व मेनका सरदार व कुणाल षाडंगी की करीबी पियाली डे अपने पति के सीट को बचाने मैदान में है तो वहीं पूर्व मंत्री रामचंद्र सिंह की प्रतिनिधि माणिक मल्लिक की भाभी पूर्णिमा मल्लिक पूरा जोर लगा रही है. इधर कांग्रेस नेत्री व मंत्री बन्ना गुप्ता की करीबी महिलाओं की सीट पर पुरुषों के प्रचार और शोर पर आपत्ति जताते हुए वोट की अपील कर रही हैं.
जिला परिषद अंश -10, क्या बच पाएगी जिप अध्यक्ष की कुर्सी
निर्वतमान जिप अध्यक्ष व आजसू नेत्री
बुलू रानी सिंह को इस बार पहले अपनी सीट बचाने के साथ जिप अध्यक्ष की कुर्सी की ओर देखने की चुनौती है. उनके सामने भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष बारी मुर्मू तो चंपई व बाबूलाल सोरेन के करीबी विक्रम टुडू और झामुमो नेता महाबीर मुर्मू के करीबी नारायण सोरेन की भी चुनौती मिल रही है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।