उदित वाणी रांची : अपने देश में 1998 से हर चुनाव में मतदान समाप्त होने के बाद एक्जिट पोल दिखाने का चलन शुरू हुआ. इसी क्रम में आज बुधवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे व अंतिम चरण का मतदान समाप्त हो जाने के बाद शाम में एक्जिट पोल के नतीजे सार्वजनिक किए जाएंगे. इसे लेकर एजेंसियों की ओर से तैयारी की गयी है.
झारखंड में दूसरे चरण का मतदान बुधवार शाम पांच बजे समाप्त होगा. शाम छह बजे के बाद एक्जिट पोल दिखाया जाने लगेगा. इस तरह के पोल में बताया जाएगा कि किस पार्टी को चुनाव में कितनी सीटें मिल सकती हैं? बताते चलें कि राज्य विधानसभा की कुल 81 सीटों पर इस चुनाव में 1211 प्रत्याशी मैदान में हैं.
राज्य में इस बार दो चरणों मे मतदान प्रक्रिया पूरी होने जा रही है. आज बुधवार को 38 सीटों पर मतदान होने जा रहा है, जबकि
43 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोट डाले गए थे.
क्या होता है एक्जिट पोल : यह वोटिंग के बाद मतदान करनेवाले लोगों के बातचीत के आधार पर तैयार एक डाटा होता है जिसमें बताया जाता है कि वोटरों ने किस पार्टी के पक्ष में मतदान किया है और किस पार्टी या प्रत्याशी के पक्ष मे हवा चली है.
एक्जिट पोल के लिए डाला जुटानेवाली एजेंसी के प्रतिनिधि मतदान केंद्र के बाहर वोट देकर आनेवाले लोगों से पूछते हैं कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया? उनके बूथ पर किस तरह का रुझान रहा? इन सब डाटा के आधार पर निष्कर्ष तैयार किया जाता है. इसी प्रक्रिया को एक्जिट पोल कहा जाता है. इसमें मतदाताओं से बातचीत वोट के तुरंत बाद यानी वोटिंग डे को की जाती है. मतदान केंद्र के बाहर. एग्जिट पोल में शामिल हुए लोगों की संख्या सीमित होती है. यह एक तरह से सैंपल सर्वे होता है.
बताते चलें कि एक्जिट पोल के कुछ नियम भी होते हैं. एजेंसी को चुनाव आयोग से इसके लिए पहले से ही अनुमति लेनी होती है. एक्जिट पोल के नतीजों को दिखाने के समय यह स्पष्ट रूप से बताना होता है कि ये महज अनुमान है. वास्तविक नतीजा नहीं. वास्तविक परिणाम को मतगणना के बाद आएगा और जिसे चुनाव आयोग जारी करेगा.
एक्जिट पोल को मतदान समाप्त होने से कम से कम दो घंटे बाद ही दिखाया जा सकता है.
अब यदि एक्जिट पोल के इतिहास के बारे में जाना जाए तो पता चलता है कि दुनिया का पहला एक्जिट पोल अमेरिका में 1936 में हुआ था. इसके बाद इंग्लैंड में 1937 में और फ्रांस में 1938 में एग्जिट पोल करवाया गया था. भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत साल 1996 में हुई थी. हालांकि 1998 में पहली बार किसी निजी न्यूज चैनल ने एग्जिट पोल का प्रसारण किया था. आजकल कई एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल किए जाते है.
आज झारखंड को लेकर जो एक्जिट पोल आने जा रहा है उसमें बताया जाएगा कि इस बार कौन सी पार्टी किस सीट पर जीत हासिल कर रही है. सीटों के साथ-साथ वोट प्रतिशत, गठबंधन के उम्मीदवार को बढ़त और सियासी समीकरण के बारे में जानकारी दी जाएगी.
आज तमाम एग्जिट पोल के नतीजों को न्यूज चैनलों, सोशल मीडिया और यूट्यूब पर देखा जा सकेगा.
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