उदित वाणी, रांची: निलंबित आईएएस पूजा सिंघल प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय [ईडी] द्वारा लगातार कई जिलों के खनन पदाधिकारियों के साथ कड़ी पूछताछ की जा रही है. इसी क्रम में गुरूवार को पश्चिम सिंहभूम व सरायकेला-खरसवां समेत आधा दर्जन से अधिक जिला खनन पदाधिकारियों से ईडी कार्यालय में ग्रिलिंग की गई. बताया गया कि ईडी की टीम अब आयरन ओर खदान मामले में शिकंजा कसने की तैयारीमें
जुटी है.
इसके अलावा ईडी यह जानना चाह रही है कि खान सचिव के रूप में पूजा सिंघल के कहने पर कितने स्टोन माइंस आवंटित किए गए. कितने बालू घाटों की बंदोबस्ती की गयी और किस तरह से अवैध खनन को बढ़ावा दिया गया. गुरूवार को ईडी दफ्तर आनेवालों में चतरा,चाईबासा, खूंटी, सरायकेला-खरसांवां, रांची, पाकुड़, साहेबगंज, समेत अन्य जिलों के खनन पदाधिकारी शामिल थे. इनके अलावा उप निदेशक खान को भी तलब किया गया था.
ईडी द्वारा खनन विभाग में हुई गड़बडिय़ों की जांच की जांच व अवैध खनन के तार ढूंढ़े जा रहे हैं. जिसके जरिये यह पता लगाया जा रहा है कि किस तरह से माइनिंग के ई-चालान निर्गत करके स्टोन चिप्स बांग्लादेश, ओडि़शा, पश्चिम बंगाल व
अन्य जगहों पर भेजा जा रहा था. कट साइज बोल्डर, कितनी मात्रा में गिट्टी व चिप्स झारखंड से बाहर भेजा जा रहा था.
चाईबासा खनन पदाधिकारी से यह जानकारी ली गई कि जब राज्य में वैध आयरन ओर मांइस की संख्या आधा दर्जन से भी कम है. इस स्थिति में कैसे नोवामुंडी, बड़बिल के रास्ते लौह अयस्क बाहर भेजे जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिम सिंहभूम जिले में 39 से अधिक आयरन ओर क्रशर ईकाईयां अवैध रूप से संचालित हो रही है. इसको लेकर कई बार जिला खनन अधिकारियों की तरफ से अवैध क्रशरों को सील करने की मात्र औपचारिकताएं ही पूरी की गयी है और अवैध खनन से लेकर परिवहन तक का काम लगातार जारी है.
वहीं खूंटी डीएमओ से भी पत्थर व बालू के अवैध परिवहन पर सवालों की बौछारें की गई तथा बताया गया कि अब तक ईडी की टीम इन जिला खनन पदाधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं दिख रही है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।