उदित वाणी, जमशेदपुर: ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से करीब 15 दिनों तक भटकते हुए पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में प्रवेश कर चुकी एक बाघिन को वन विभाग की संयुक्त टीम ने रविवार की शाम बांकुरा जिले के मुकूटमनीपुर डेम के पास स्थित गोसायडीह गांव के जंगल में ट्रैकुलाइजर से पकड़ लिया है.
घटना की शुरुआत: ओडिशा से पश्चिम बंगाल तक का सफर
इस बाघिन ने सबसे पहले ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से निकलकर चाकुलिया वन क्षेत्र में कई दिन बिताए. वहां से यह बाघिन पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में प्रवेश कर गई और सबसे पहले झारखंड के गुडाबांधा जंगल में देखी गई थी.
खतरनाक ट्रैकिंग: वन विभाग की सतर्कता
इस बाघिन ने चाकुलिया वन क्षेत्र के राजाबासा, मौरबेडा और चियाबांधी के पोटास जंगलों में शरण ली थी. 20 दिसंबर की रात, बाघिन मोरबेडा जंगल से निकल कर आमाभुला होते हुए माटियाबांधी पंचायत के घाघरा गांव के जंगलों में प्रवेश कर गई. इसके बाद यह बेलपाहाड़ी वन क्षेत्र के कटुचुआ जंगल में पहुंच गई, और वन विभाग की टीम ने इसका पीछा शुरू कर दिया.
राहत की सांस: कोई बड़ी घटना नहीं हुई
बीते सप्ताह से जारी इस घेराबंदी के बाद, रविवार को वन विभाग की टीम को सफलता मिली और बाघिन को पकड़ लिया. इस दौरान खुशी की बात यह रही कि इस बाघिन के चलते अब तक किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि की सूचना नहीं मिली है.
निवासी और वन विभाग में राहत की लहर
इस बाघिन के पकड़े जाने के बाद ओडिशा, बंगाल और झारखंड के ग्रामीणों के बीच राहत की लहर दौड़ गई है. सभी ने वन विभाग और वाइल्डलाइफ टीम की इस सफलता को सराहा है.
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