उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील के वीपी (आयरन मेकिंग) उतम सिंह ने कहा कि हमें स्थितियों और बाधाओं को दोष न देकर समस्याओं से निपटने के लिए एक नई सोच के साथ आगे बढ़ना होता है.
अगर हम जुदा सोच से समस्या के समाधान के प्रयास करें, तो वह जरूर होता है. चाहे वह तकनीक हो या फिर जीवन. सिंह मंगलवार 20 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में शुरू हुई पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला एएमपीटीआईसी-2022 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को शेयर करते हुए कहा कि पहले यह सोच थी कि हम स्टील के उत्पादन में विश्व के साथ प्रतियोगिता नहीं कर सकते हैं. परन्तु सोच बदली और अब हम लौह अयस्क, कोयला और दूसरे संसाधनों में विश्व के नेतृत्व करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
कोयला खनन में आधुनिक तकनीक का उपयोग
विशिष्ट अतिथि महानदी कोल फिल्ड लिमिटेड अंगुल के मुख्य प्रबंधक अरुण कुमार स्वर्णकार ने कोयले के खनन में उपयोग होने वाली आधुनिक तकनीक, और पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी दी.
गुवा लौह अयस्क खान के मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी ने लौह अयस्क के प्रसंस्करण के लिए किए जा रहे कार्यों को बहुत ही सरल तरीके से बताया. कार्यशाला के संरक्षक तथा निदेशक प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ला ने कहा कि ऐसी कार्यशाला से शिक्षा जगत के लोगों को उद्योग की आवश्यकताओं को समझने का अवसर मिलता है.
इस कार्यशाला के अध्यक्ष डॉ. रंजीत प्रसाद ने विषय प्रवेश कराते हुए प्रारंभ में बताया कि हमारे अपने संसाधनों से हमें विश्व स्तरीय स्पर्धा में आगे आना है.
हम नकल करके आगे नहीं बढ़ सकते. इसलिए युवा विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक को यह मालूम हो सके कि आगे हमें करना क्या है. इस दिशा में यह कार्यशाला सहयोगी साबित होगा. अंत में कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. रीना साहू ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
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