84 महिलाओं ने भाग लिया
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से तीसरे दिन, जनजातीय संस्कृति केंद्र सोनारी में चल रहे जनजातीय महोत्सव के तीसरे दिन परिवर्तनकारी महिला नेतृत्व पर एक संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से 84 महिलाओं ने भाग लिया. हो, भूमिज, संथाली, उरांव, असुर, बेदिया, मुंडा जैसी जनजातियों की महिलाओं के बीच चर्चा हुई जो एक-दूसरे से जुड़ी हुई थीं.
कार्यक्रम का शुभारंभ वृक्षारोपण के बाद संथाली प्रार्थना के साथ किया गया. टीएसएफ टीम ने इस वर्ष की थीम पेश की और इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला. पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाओं को अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करने के लिए एक मंच दिया गया. उन्होंने अपनी परंपराओं, संस्कृति और विभिन्न स्रोतों से होने वाली कमाई के बारे में भी बताया.
दो सत्रों में चर्चा हुई. पहले सत्र में महिलाओं को 5 के समूहों में बांटा गया और उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया. दूसरे सत्र में इन महिलाओं को 10 के समूहों में बांटा गया और चर्चा आदिवासी कला और संस्कृति, शासन में महिलाओं, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक बुराई, शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और कल्याण, अधिकार और हक के इर्द-गिर्द घूमती रही.
इन प्रस्तुतियों को वर्ल्ड कैफे में एक खुले मंच पर बातचीत के लिए रखा गया था. आशा, एकजुटता और अवसरों के सार के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. संवाद में उपस्थित कुछ प्रमुख वक्ताओं में जोबा मुर्मू (साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता), अकली टुडू (सीआईआई से महिला अनुकरणीय पुरस्कार) और मालती सिंह सरदार (भानुमती नीलकंठ पुरस्कार) शामिल थी.
पिछले तीन दिन से चल रहे ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का समापन हुआ. इसमें विभिन्न केटेगरी की फिल्मों को पुरस्कृत किया गया.
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