उदित वाणी, जमशेदपुर: भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य बांकेबिहारी गोस्वामी ने भगवान श्री धरुव चरित्र का अत्यंत विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि राजा और गुरु को अपनी प्रजा और शिष्यों को धर्म की शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है. यदि यह शिक्षा नहीं दी जाती, तो इसके परिणामस्वरूप होने वाली हानियों का भी उन्होंने उल्लेख किया.
आचार्य ने यह भी कहा कि धर्म की नींव बचपन में ही डाली जा सकती है, और माता-पिता का यह कर्तव्य बनता है कि वे अपनी संतानों को धर्म की शिक्षा प्रदान करें. उन्होंने कहा, “जितनी महत्वकांक्षी स्कूली शिक्षा है, उतनी ही जरूरी है बच्चों को मंदिर दर्शन और पूजा की शिक्षा देना.” साथ ही, बच्चों को धार्मिक सहिष्णुता का महत्व भी समझाना चाहिए.
आचार्य ने बच्चों को धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और उनके सार का समझाने की आवश्यकता पर बल दिया. अपने उद्बोधन में उन्होंने कई ऐतिहासिक और धार्मिक प्रसंगों का उल्लेख किया, जिनमें भरत, अजामील की कथा, नरसिंह अवतार, हिरण्यकश्यप युद्ध और भक्त प्रहलाद की रक्षा के मार्मिक प्रसंग शामिल थे. इस अवसर पर भगवान श्री नृसिंह अवतार की जीवंत झांकी भी प्रस्तुत की गई.
भजन संध्या का आयोजन
कथा के बाद रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक भजन संध्या का आयोजन किया गया. इस दौरान भजन कलाकारों ने श्याम बाबा, राणी सती दादी, हनुमान जी और कृष्ण के भजनों की दिव्य प्रस्तुति दी. श्रोताओं ने भजनों के साथ झूमते हुए आनंद लिया.
भजन गायकों में लिप्पू शर्मा, उमेश खीरवाल, भटली परिवार, राणी सती सत्संग समिति, बैजू शर्मा, मनीष केडिया, गोविंद भारद्वाज और अनिल रिंगसिया जैसे प्रसिद्ध कलाकारों ने भजन गाकर माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया.
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें संतोष खेतान, महावीर अग्रवाल, दिलीप गोयल, संतोष अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, आनंद हरनाथका, ओमप्रकाश रिंगसिया, जयश्री गोयल, किशन संघी, बजरंग लाल अग्रवाल, दीपक पारीक, अशोक चौधरी, कमल किशोर अग्रवाल, सांवर लाल शर्मा, रामेश्वर लाल भालोटिया, मनोज गोयल, अंकित अग्रवाल, मंटू अग्रवाल, अजय भालोटिया, ललित डांगा, गगन रुस्तगी, संजय अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, अरुण अग्रवाल रामूका, मनीष केडिया और अनिल रिंगसिया शामिल थे.
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