उदित वाणी, रांची: राज्यसभा में प्रत्याशी उतारने को लेकर सत्तारूढ़ झामुमो व कांग्रेस पार्टी के बीच झकझूमर शुरू हो गया है. दोनों पार्टियां राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने को लेकर सशक्त दावेदारी पेश की जा रहा है. गौरतलब है कि 10 जून को झारखंड के राज्यसभा की दो सीटों का चुनाव कराया जाना है. इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा 24 मर्ह को अधिसूचना जारी कर दी जायेगी. राज्यसभा की इन दो सीटों को लेकर अबतक के समीकरण के अनुसार सत्तापक्ष के एक ही उम्मीदवार जीत सकता है. लिहाजा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर एवं पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बुधवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत में साफतौर पर कहा कि इस बार के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की ही स्वाभाविक दावेदारी बनती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले राज्यसभा चुनाव में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के लिए सीट छोड़ी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा में जाने से केन्द्र में गठबंधन सशक्त होगा. इन दोनों नेताओं के अलावा झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी कहा कि राज्यसभा में इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी गठबंधन दलों के उम्मीदवार होंगे. वहीं इस मुद्ये को लेकर प्रदेश कांग्रेस अघ्यक्ष व विधायक दल के नेता समेत कई कांग्रेसियों ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मुलाकात करके भी दबाव बनाने की कोशिश की। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास जाकर इसको लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक की तथा बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि हमलोगों ने राज्यसभा को लेकर दावेदारी पेश कर दी है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक रुख दिखाया है. उन्होंने कहा कि बैठक में तय किया गया कि 19 मई को मुख्यमंत्री के खनन पटटा मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई व 20 मई को मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव आयोग को जवाब दिए जाने के बाद क्या स्थिति बनती है. इसका गठबंधन द्वारा इंतजार किया जाएगा. इसके बाद ही मामले में निर्णय लिया जायेगा. बैठक में वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल व विधायक दीपिका पांडेय सिंह भी शामिल थी.
लोस में कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने पर बनी थी सहमति-झामुमो
इधर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की दावेदारी को झामुमो ने सीधे-सीधे नकार दिया है. झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दावेदारी के लिए हर कोई स्वतंत्र है. लेकिन संख्या बल के लिहाज से झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी है और झामुमो की दावेदारी ज्यादा मजबूत है. उन्होंने कहा कि बर्ष 2019 से 2024 के बीच होनेवाले राज्यसभा की तीन सीटों को लेकर कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान ही तय हो गई थी कि तीनों सीटों पर झामुमो के प्रत्याशी होंगे. इसके बदले लोकसभा में कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने पर सहमति बनी थी.
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