उदित वाणी, जमशेदपुर/घाटशिला: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिले की सबसे चर्चित जिला परिषद अंश 17 के चुनाव में करण सिंह टिंकू के पक्ष में मतों की आंधी इस कदर चली कि दूसरे सारे प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. 25 से 30 साल की राजनीति का अनुभव रखनेवाले दिग्गज भी एक नौसिखिये युवक के सामने बुरी तरह परास्त हो गए.
उल्लेखनीय है कि घाटशिला शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले अंश 17 में कुल 28 लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की थी. इसमें चर्चित चेहरों में भाजपा समर्थित संजय कुमार अग्रवाल,लंबे समय तक कांग्रेस व आजसू से जुड़े रहे तापस चटर्जी पूर्व जिला पार्षद राजू कर्मकार, आईसीसी वर्कर्स यूनियन के महासचिव और मजदूर नेता ओमप्रकाश सिंह , सनत चक्रवर्ती उर्फ कॉलटू चक्रवर्ती, झारखंड मुक्ति मोर्चा के काजल डॉन, राजहंस मिश्र, मोहम्मद जलील, माझी परगना महाल के बहादुर सोरेन जैसे कई दिग्गज खड़े हुए थे और सभी साथ जीत का दावा भी कर रहे थे.
भाजपाइयों की मेहनत जाया हो गयी
भाजपा समर्थित उम्मीदवार को सहयोग करने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक समेत कई पदाधिकारी भी जी जान से लगे हुए थे. प्रतिदिन बैठक होती थी और जीत के लिए रणनीति बनती थी.इस काम के लिए भाजपा के सभी अनुषंगी इकाइयों के मंडल और जिला अध्यक्षों को ही लगा दिया गया था लेकिन उन्हें केवल 1009 मत से ही संतुष्ट होना पड़ा. करना पड़ा और तीसरे स्थान पर रहे.
कांग्रेस का वोट बैंक भी नहीं आया काम
इसी प्रकार घाटशिला में कांग्रेस के रणनीतिकार माने जानेवाले तापस चटर्जी भी इस रणनीति में विफल हो गए. लोगों ने उन्हें आश्वासन तो दिया लेकिन वोट नहीं दिया जिसके कारण उनकी जमानत भी नहीं बच सके हालांकि वे 1530 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे.
ओमप्रकाश सिंह जो लंबे समय से आईसीसी वर्कर्स यूनियन के महासचिव रहे हैं और उन्हें यदि आईसीसी के मजदूर ही केवल वोट देते तो जीत जाते ,लेकिन वे केवल 960 वोट ही प्राप्त कर पाए. अन्य लोगों की हालत तो और भी दयनीय रही .
इस चुनाव परिणाम ने सभी दिग्गजों को आईना दिखाने का काम किया है और राजनीतिक दलों को भी अपने संगठन पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया है यदि उससे भी सबक नहीं लेते हैं तो आने वाले चुनाव में उनकी और भी बुरी हालत हो सकती है.
अंश 17 से खड़े प्रत्याशी और प्राप्त मत
प्रत्याशी प्राप्त मत
1 – कर्ण सिंह 5945
2 – तापस चटर्जी 1530
3- संजय अग्रवाल 1009
4- ओमप्रकाश सिंह 960
5- कन्हाई मुर्मू 783
6- मल्लिका राय 764
7- इमरान खान 683
8- राजू कर्मकार 662
9- सुनील मुर्मू 559
10- काजल डान 555
11- मो० जलील 502
12- सदरूद्दीन 425
13- सनत चक्रवर्ती 415
14- बहादुर सोरेन। 408
15 -तपन कुमार बेहरा 364
16 – फेबियन तिर्की 332
17 – शेख अखरूद्दीन 319
18 – सुदर्शन बेहरा 302
19 – सुब्रतो दास 285
20 – महेश कारवा 271
21 – गोपेश राय 255
22 – रामविलास सिंह 247
23 – राजहंस मिश्र 175
24 – रामा प्रसाद मुखर्जी 147
25 – प्रकाश निषाद 119
26 – मोना रवानी 91
27 – सुशांत मेहता 89
28 – सुमन सिंह 64
कुल मत 20087
वैध मत 18260
रद्द किए गए मत 1827
क्या होता है जमानत जप्त होना
चुनाव आयोग के अनुसार पंचायत चुनाव से राष्ट्रपति पद तक के चुनाव के लिए नामांकन में एक निश्चित राशि ली जाती है और यदि चुनाव के दौरान कुल वैध मतों के 16.66 प्रतिशत मत प्राप्त करने में यदि कोई प्रत्याशी असमर्थ हो जाता है तो नामांकन में जमा की गई जमानत राशि जप्त कर ली जाती है.
इस प्रकार अंश 17 में कुल 18260 वैध मत पड़े थे और इसका 16.66 प्रतिशत 3042 मत होते हैं जो कर्ण सिंह उर्फ टिंकू को छोड़कर किसी भी उम्मीदवार को नहीं मिला इसलिए सभी प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई.
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