उदित वाणी, जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय और इसके अंगीभूत कालेजों में शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है. अब विश्वविद्यालय तथा कालेजाें के शिक्षकों के लिया जहां विश्वविद्यालय के गठन के बाद पहली बार प्रोन्नति का रास्ता साफ होगा, बल्कि कार्यरत व सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी शीघ्र ही सातवां वेतनमान का लाभ भी मिलेगा.
संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट की स्वीकृति के बाद शुक्रवार को कोल्हान विश्वविद्यालय में नोटिफाई कर दिया गया. इससे अब शिक्षकों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया.
इसके लिए कोल्हान विश्वविद्यालय में यूजीसी रेगुलेशन-2010 को लागू कर दिया गया है. इसे लागू करने काे लेकर तैयार परिनियम का प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा गया था.
परिनियम नहीं बनने से नहीं मिल रही थी प्राेन्नति
झारखंड में 22 सितंबर 1995 तक कालबद्ध प्रोन्नति योजना लागू थी, जिसका कट आफ डेट 23 सितंबर 1995 तक था. इसके बाद 1995 से 27 जुलाई 1998 तक एक भी प्रोन्नति परिनियम नहीं गठित नहीं हुआ जिससे 1981-82 में नियुक्त हुए शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल सकी. इनमें कई सेवानिवृत्त भी हो गए.
बाद में राज्य सरकार ने 27 जुलाई 1998 के प्रभाव से जुलाई 2008 में करियर एडवांसमेंट स्कीम लागू किया लेकिन 31 दिसंबर 2008 को उसे खत्म भी कर दिया. इसके बाद नया परिनियम गठित नहीं होने से शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल पा रही थी.
अबतक नहीं थी शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए नियमावली
झारखंड देश का ऐसा एकलौता राज्य है, जहां विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए नियमावली नहीं है. 31 दिसंबर 2008 के बाद प्रमोशन नियम बना ही नहीं. ऐसे में राज्य के अधिकतर विवि शिक्षक प्रोफेसर नहीं बन पाए.
इसका नतीजा यह हुआ कि पुराने प्रोफेसर आयु के कारण वीसी प्रोवीसी बनने से छंट गए, जबकि नए विवि शिक्षक प्रोफेसर नहीं बन पाए थे. ऐसे में वे आवेदन कैटेगरी से बाहर थे. गौरतलब है कि कम से कम 10 वर्ष पुराने और 65 वर्ष से कम वाले प्रोफेसर ही वीसी या प्रोवीसी के लिए आवेदन दे सकते हैं.
पड़ोसी सभी राज्यों ने प्रोन्नति नियमावली बनाई हुई है, जिस कारण इन राज्यों के प्रोफेसर झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वीसी प्रोवीसी बने हुए हैं.
यूजीसी के नए रेगुलेशन-2010 पर बना प्रोन्नति का प्रावधान
यूजीसी के नए रेगुलेशन-2010 के तहत प्रोन्नति का प्रावधान है. इसमें शिक्षकों को तय समय में 5 रिसर्च पेपर जमा करने होंगे. इसके बाद उन्हें प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा.
राज्य सरकार ने नेट से पीएचडी, सीधे पीएचडी और प्री पीएचडी के जरिए पीएचडी के छात्रों के लिए भी विशेष प्रावधान किया है. जेपीएससी में भी स्पष्ट है कि वह किस आधार पर प्रोन्नति की अनुशंसा करेगा.
केयू ने किया नैक स्टेयरिंग कमेटी का गठन
कोल्हान विश्वविद्यालय में नैक ग्रेडिंग के लिए 23 जनवरी से 25 जनवरी तक निरीक्षण किया जाएगा. इस बार ग्रेडिंग बेहतर करने के लिए केयू की ओर से हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.
विवि की ओर से नैक निरीक्षण के लिए एक स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी में सात सदस्यों को शामिल किया गया. इसमें केयू की प्रोवीसी प्रो. कामिनी कुमार को स्टेयरिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है.
वहीं, सदस्य के रूप में इस कमेटी में केयू की विज्ञान विभाग की डीन डॉ. सरिता प्रसाद, डीन ह्यूमैनिटीज डॉ. एसपी महालिक, डीन कॉमर्स डॉ. वीके मिश्रा, पीजी के इंग्लिश विभाग के हेड डॉ. संजय यादव, वित्त अधिकारी डॉ. पीके पाणी व आईक्यूएसी के निदेशक डॉ. आरके कर्ण को शामिल किया गया है.
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