जीएसटी के नये बदलावों पर चैम्बर की टैक्स क्लीनिक में हुई चर्चा
उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में शनिवार को टैक्स क्लीनिक का आयोजन किया गया. क्लीनिक में जीएसटी में नये बदलावों से व्यवसाय पर होने वाले प्रभावों की चर्चा की गई.
सबसे पहले सचिव पीयूष कुमार चौधरी, वित्त एवं कराधान द्वारा सभी उपस्थित पेशेवरों एवं सदस्यों का स्वागत किया गया. तत्पश्चात पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया ने जीएसटी के जटिल प्रावधानों और इससे व्यावसायियों को हो रही दिक्कत पर चिंता जाहिर की.
बाजार समिति पर सरकार को अपना रूख साफ करना चाहिए-पवन नरेडी
व्यवसायी पवन नरेडी ने बताया कि बाज़ार समिति शुल्क पर सरकार को अपना रुख साफ करना चाहिए एवं उसे पूर्ण रूप से खत्म करने की घोषणा करनी चाहिए.
सतीश सिंह ने आग्रह किया कि विभाग से जीएसटी निबंधन को रद्द करवाने में काफी जद्दो-जहद करनी पड़ती है. इसे सरल एवं समयबद्ध करने की आवश्यकता है. एक अन्य व्यवसायी ने झारखंड सरकार द्वारा होल्डिंग टैक्स में वृद्धि का मुद्दा उठाया.
पूर्व सचिव भरत वसानी ने आग्रह किया कि यदि किसी व्यवसायी की मृत्यु हो जाती है तो जीएसटी में उसके वंशज को नया निबंधन करवाना पड़ता है. यह एक बेहद जटिल एवं खर्चीली प्रक्रिया है. केंद्र सरकार को इसका कोई सरल समाधान निकालना चाहिए.
उपाध्यक्ष सीए दिलीप गोलेच्छा एवं सचिव पीयूष कुमार चौधरी ने विभिन्न मुद्दों पर कानून का रुख साफ किया एवं सभी के सुझावों को गंभीरता से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के पास उठाने का आश्वासन दिया.
इस टैक्स क्लीनिक में सरकार द्वारा जारी अन्य अधिसूचनाओं के बारे में भी चर्चा की गई. मौके पर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, उपाध्यक्ष नितेश धूत, पूर्व महासचिव भरत वसानी, अधिवक्ता सतीश सिंह, अधिवक्ता अजय अग्रवाल एवं विभिन्न क्षेत्रों से आए व्यवसायी एवं उद्यमी उपस्थित थे.
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