उदित वाणी जमशेदपुर : अब वह दौर खत्म होने वाला है, जब टाटा समूह की कंपनियों में कोई ज्वाइन करता था और 60 साल पूरा होने के बाद रिटायर होता था. केन्द्र सरकार की नई श्रम नीति और गिग वर्कर के बढ़ रहे प्रचलन को देखते हुए टाटा स्टील ने दक्षता और परफॉर्मेंस आधारित बहाली करनी शुर कर दी है. टाटा स्टील ने अपने ह्यूमन रिसोर्स नीतियों में बुनियाद बदलाव करते हुए पहली बार एक साल के कॉन्ट्रैक्ट के लिए बहाली निकाली है. बताया जा रहा है कि इसकी वजह यह है कि जो एक साल बेहतर परफॉर्म करेंगे, उन्हें रखा जाएगा, नहीं तो बाहर का रास्ता दिखा जाएगा. यही नहीं स्टील वेज से बाहर निकलने के बार टाटा स्टील ने अपनी होने वाली बहाली में वेतन को भी पहले से काम कर दिया है. यही हाल टाटा समूह की दूसरी कंपनियों में भी दिख रहा है. सभी कंपनियां नया ग्रेड बनाकर न केवल कर्मचारियों के वेतन को कम कर रही है, बल्कि सुविधाओं में कटौती की जा रही है. इसकी वजह कंपनी पर आर्थिक बोझ कम करना बताया जा रहा है.
एक साल के लिए बहाली
अग्निवीर योजना के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में भी इसी तर्ज पर भर्तियां निकलने लगी है. वैसे तो प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों का पहले से ही ठेकाकरण प्रथा चरम पर है, लेकिन अभी भी जो कुछ स्थायी नौकरियां बची हैं, लगता है आने वाले दिन में खत्म हो जाएंगी. टाटा स्टील ने अपने टाटा ग्रॉथ शॉप (टीजीसी) गम्हरिया के लिए केवल एक साल की बहाली निकाली है. अप्रेंटिंस और तीन साल का डिप्लोमा कर चुके इम्प्लाई वार्ड इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. कंपनी की ओर से जारी सर्कुलर में साफ कहा गया है कि यह बहाली एक साल के फूल टाइम कॉन्ट्रैक्ट (एफटीसी) के लिए होगी. एक साल के बाद इनका क्या भविष्य होगा, उसके बारे में कोई जिक्र नहीं है. वैसे बताया जा रहा है कि जो बेहतर परफॉर्म करेंगे, उन्हें एक्सटेंशन दिया जा सकता है या दूसरी कंपनियों में समायोजित किया जा सकता है. इन्हें प्रति माह 12 हजार से लेकर 14 हजार वेतन मिलेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार टाटा स्टील ने इससे पहले 2020 में मशीन शॉप के लिए 22 कर्मियों को विभिन्न आईटीआई या ट्रेनिंग संस्थानों से एक साल के लिए बहाल किया था. एक साल के बाद कुछ कर्मियों को टाटा स्टील सर्विसेस लिमिटेड में भेज दिया गया है.
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