उदित वाणी जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के तत्वावधान में चैम्बर सभागार, बिस्टुपुर में जमशेदपुर प्लास्टिक निर्माता और विक्रेता संघ की संयुक्त बैठक हुई जिसमें चैम्बर के पदाधिकारी एवं जमशेदपुर के प्लास्टिक थोक और खुदरा व्यापारी काफी संख्या में उपस्थित थे. सभी ने एक स्वर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी संबंधी केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को जनविरोधी, जल्दबाजी में और आम जनता के अहित में लिया गया फैसला करार दिया. चैम्बर अध्यक्ष की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि व्यापारी वर्ग चरणबद्ध आंदोलन के माध्यम से इस काले कानून का पुरजोर विरोध करेंगे जिसके तहत स्थानीय सांसद, विधायक, राज्य के मंत्री, जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राज्यपाल, देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वित्तमंत्री, पर्यावरण मंत्री एवं अन्य के नाम ज्ञापन सौपेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से धरना, प्रदर्शन करके केंद्र की सरकार पर इस काले कानून को वापस लेने का दबाव बनाएंगे और साथ ही प्लास्टिक की जगह अन्य वैकल्पिक, सुलभ और किफायती विकल्प अविलंब उपलब्ध कराने की अपील करेंगे. इससे देश की जनता के सामने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात मिल सके और राज्य सरकार से अपील करेंगे कि संविधान द्वारा राज्यों को प्रदत्त शक्ति का उपयोग करके इस अधिसूचना को अविलंब स्थगित करे. बैठक में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनन्द मुनका, महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल, नितेश धूत, महेश सोंथालिया, किशोर गोलछा, सत्यनारायण अग्रवाल मुन्ना, प्लास्टिक निर्माता एवं विक्रेता संघ की ओर से अमित अग्रवाल, पवन संघी, अनूप अग्रवाल, संजय मुनका, दिनेश छापोलिया, राजेश हरूपका, नवदीप सिंह, लाडी, राजू , संतोष गोराई, गोविंद अग्रवाल आदि उपस्थित थे.
इन चीजों पर लगेगा प्रतिबंध
– थर्मोकोल के सजावटी सामान
– प्लास्टिक के ग्लास, कप, कटलरी (काटा चमच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे)
– स्टिरर, मिठाई के डिब्बे
– इंविटेशन कार्ड
– सिगरेट पैकेट में लिपटने वाले प्लास्टिक
– प्लास्टिक फिल्म
– सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के पीवीसी बैनर
– प्लास्टिक के फ्लेक्स, पोस्टर
– किसी भी प्लास्टिक से बने कैरी बैग
सरकार की कथनी व करनी में अंतर
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के मामले में सरकार की करनी और कथनी में अंतर दिखाई पड़ता है. पिछले दिनों प्लास्ट इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह में देश के रासायन व खाद्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस उद्योग के अगले 25 वर्षो की रुपरेखा पर बोलते हुए कहा था कि सरकार इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव मदद करेगी साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध संभव नहीं हैं. धीरे-धीरे इसे बायोडिग्रीडेबल की तरफ ले जाने की कोशिश करनी चाहिए. लेकिन सरकार के द्वारा एक डेडलाइन निर्धारित कर सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध लगाने से सरकार की कथनी और करनी में विरोधाभास दिखाई पड़ता है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।