उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील ने 2 मार्च 1982 को संस्थापक संस्थापक दिवस की पूर्व संध्या पर पर प्लेटिनम जुबिली समारोह का आयोजन किया था. इस दिन शहर की हर गली, हर चौक टाटा स्टील की प्लैटिनम जयंती के गौरवमयी उत्सव का साक्षी बन रहा था. इस ऐतिहासिकअवसर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी विशेष रूप से नई दिल्ली से पधारीं, एक ऐसे असाधारण व्यक्ति और उनके द्वारा स्थापित महान उद्योग को सम्मान देने, जिसने राष्ट्र की प्रगति में एक अमिट छाप छोड़ी.इंदिरा गांधी का स्वागत करते हुए जेआरडी टाटा ने कहा: “हम उनके स्नेहपूर्ण स्वीकृति को सिर्फ एक आमंत्रण की स्वीकार्यता नहीं, बल्कि एक विशेष सम्मान मानते हैं. एक ऐसी मान्यता, जो यह दर्शाती है कि जमशेदपुर केवल एक औद्योगिक नगर भर नहीं, बल्कि एक आदर्श है. टाटा स्टील केवल इस्पात का निर्माता नहीं, बल्कि मूल्यों, नवाचार और श्रम संस्कृति का प्रतीक है.
गोल्फ ग्राउंड में आयोजित जनसभा में इंदिरा गांधी ने कहा:
“भारत के औद्योगिक इतिहास में जमशेदपुर का स्थान विशिष्ट और गौरवशाली है, क्योंकि यह न केवल देश में इस्पात निर्माण का अग्रदूत रहा है, बल्कि श्रम, समर्पण और नवाचार की एक अद्भुत मिसाल भी पेश करता है. मैं यहां कार्यरत सभी लोगों को उनकी मेहनत, उत्कृष्ट योगदान और अनुकरणीय कार्य संस्कृति के लिए बधाई देती हूँ. खासतौर पर मैं उस मित्रता और सौहार्द की भावना की सराहना करती हूँ, जो यहां के वातावरण को विशेष बनाती है और हर मतभेद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में मदद करती है.”
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