उदित वाणी , जमशेदपुर: टाटा स्टील अपने लोकेशनों में जैव विविधता को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है. रविवार 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस है. इस दिन टाटा स्टील के वीपी कारपोरेट सर्विसेस चाणक्य चौधरी कदमा जैव विविधता पार्क में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और जैव विविधता के महत्व को बताएंगे. वे बताएंगे कि शहर में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता क्यों जरूरी है. टाटा स्टील जैव विविधता को लेकर कई संगठनों के साथ काम कर रही है. जैव विविधता का संरक्षण अब टाटा स्टील के डीएनए का हिस्सा बन गया है.
टाटा स्टील ने जैव विविधता के लिए किया निवेश
टाटा स्टील के वीपी सीएस चाणक्य चौधरी ने बताया कि टाटा स्टील ने पूरी जागरूकता के साथ जैव विविधता संरक्षण में निवेश किया है. कंपनी जैव विविधता संरक्षण में अपने प्रदर्शन को बढ़ाने और पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए कई संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है.इस्पात निर्माण, माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग में एक बिजनेस लीडर होने के नाते कंपनी नियामक व्यवस्था से परे जाकर और सामाजिक तथा पर्यावरणीय मामलों पर अपने लिए उच्च मानक स्थापित कर रही है.आज, सस्टेनिबिलिटी और विशेष रूप से जैव विविधता में उत्कृष्टता का निर्माण और इसे बरकरार रखना टाटा स्टील की व्यावसायिक प्रणाली का मुख्य तत्व है. टाटा स्टील ने 2016 में अपनी जैव विविधता नीति शुरू की थी. यह नीति प्रत्येक स्ट्रेटेजिक और ऑपरेशनल निर्णय लेने में जैव विविधता को शामिल करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करती है.कंपनी 2014 में निर्धारित राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्यों (भारत के स्तर पर), 2010 में निर्धारित एआईसीएचआई जैव विविधता लक्ष्यों (वैश्विक स्तर) और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल विकास लक्ष्यों के साथ अपने कार्यों को संरेखित कर रही है ताकि जैव विविधता को अपने व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत किया जा सके और भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर कल को सक्षम बनाया जा सके.
टाटा स्टील ने 2013 में जैव विविधता की यात्रा शुरू की थी
टाटा स्टील में जैव विविधता की यात्रा 2013 में इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के साथ जुड़ाव के साथ शुरू हुई. आईयूसीएन ने टाटा स्टील के लोकेशन्स का आधारभूत सर्वेक्षण किया और जैव विविधता प्रबंधन पर अपनी सिफारिशें दीं. इसमें जैव विविधता का आकलन, जमीनी सच्चाई का अध्ययन, सेकेंडरी रिसर्च, जिसमें हितधारक से बातचीत शामिल है और जैव विविधता द्वारा प्रदान की जाने वाली इको-सिस्टम सेवाओं को समझना शामिल है. कंपनी के संचालन और सामुदायिक व्यवहार से जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के जोखिमों की पहचान की गई और फिर इसका जैव विविधता संरक्षण और प्रबंधन योजना विकसित करने के लिए उपयोग किया गया.जैव विविधता संरक्षण के हित में कंपनी उन संपत्तियों के अधिग्रहण से बचने के लिए प्रतिबद्ध है जिनके विकास के परिणामस्वरूप विशेष संरक्षण स्थिति वाली प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण आवास का नुकसान हो सकता है. टाटा स्टील की जैव विविधता नीति का उद्देश्य है ‘नो नेट लॉस ऑफ बायोडायवर्सिटी’ अर्थात जैव विविधता को शून्य नुकसान.
झारखंड और ओडिशा के खदानों में जैव विविधता पर जोर
टाटा स्टील ने झारखंड और ओडिशा में अपनी खदानों के लिए आईयूसीएन के साथ अपनी जैव विविधता प्रबंधन योजना (बीएमपी) शुरू की है. बीएमपी का समग्र फोकस खनन स्थलों में और उसके आसपास जैव विविधता संरक्षण और वृद्धि है. इन बीएमपी को प्रोग्रेसिव माइंस क्लोजर प्लान्स के साथ-साथ पर्यावरण मंजूरी की शर्तों के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि जैव विविधता संरक्षण और माइंस रेस्टोरेशन पर वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं को शामिल किया गया है.प्रमुख इस्पात कंपनी की कुछ जैव विविधता परियोजनाओं में जमशेदपुर में जुबली पार्क और जूलॉजिकल पार्क, वेस्ट बोकारो में जेएन टाटा पार्क, दलमा व्यू पॉइंट जमशेदपुर, सीआरएम बारा पोंड्स, जमशेदपुर, नोआमुंडी के पुनर्जीवित वन, विभिन्न लोकेशन्स में निच नेस्टिंग जुगसलाई तथा जमशेदपुर में इको-पार्क का विकास शामिल हैं.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।