- चिप के साथ ही मोबाइल, 5 जी टेक्नोलॉजी और दवाएं भी हम अपना बनाने जा रहे हैं?
- जमशेदपुर को लेकर हम कमिटेड है और आगे भी इसे स्ट्रेंथ देते रहेंगे
- कॉस्ट मैनेजमेंट के साथ ही प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना होगा
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा समूह के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि भले ही चुनौतियां कितनी भी हो, मगर हम इन चुनौतियों से बाहर निकलेंगे. हम खुद को और इफिशिएंट बनाने के साथ ही कैपेबल बनाएंगे. यह शॉर्ट टर्म की चुनौतियां है. टाटा समूह ने बहुत ऊपर और बहुत नीचे देखा है और हम उन चुनौतियों से बाहर निकले हैं. चन्द्रशेखरन सोमवार की सुबह संस्थापक दिवस पर संस्थापक जेएन टाटा को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. कहा कि टाटा स्टील आगे भी ग्रो करेगी. हम केवल बिजनेस में ही नहीं, बल्कि तकनीक और प्रौद्योगिकी में भी विकसित होंगे. सस्टेनेबिलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर दुनिया तेजी से बदल रही है. टाटा स्टील इस ट्रांसफॉर्मेंशन को लेकर कमिटेड है. हम बहुत कुछ कर रहे हैं. और आने वाले दिनों में कई विकास और प्रोगेस आपको दिखेंगे.
चीन द्वारा की जा रही स्टील डंपिंग की चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे?
दुनिया की जियो पोलिटिक्स तेजी से बदल रही है. हमेशा यह स्थिति होती है कि कभी ज्यादा मांग होती है तो कभी मांग में कमी आती है. डंपिंग को लेकर काफी बातें हो रही है. लेकिन सबसे अहम बात यह है कि स्टील का डिमांड बढ़ेगा और हमें अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा. शॉर्ट और मीडियम टर्म में यह साइकल जारी रहेगी. हमने काफी ऊपर भी देखा है और नीचे भी देखा है. इसलिए बेस्ट तरीका यह है कि हम इफिशिएंसी को लेकर तैयार रहे. कॉस्ट मैनेजमेंट के साथ ही प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना होगा. हम आगे भी इफिशिएंट तरीके से अपना ऑपरेशंस जारी रखेंगे. सबको साथ में लेकर चलना होगा. हमको कर्मचारियों की मदद चाहिए, पोलिसी में सरकार की मदद चाहिए, ड्यूटी के बारे में सरकार की मदद चाहिए. टेक्नोलॉजी एडॉप्शन में इम्प्लाई के साथ ही यूनियन की मदद चाहिए. प्रबंधन ऐसे बोल्ड कदम उठाने के लिए तैयार है ताकि हम कंपनी को इफिशिएंट तरीके से आगे ले जा सके और उसे और विस्तार दे सके. कॉस्ट मैनेजमेंट और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के साथ हमारी कोशिश है कि हम कैपिबिलिटी को बढ़ाए. एआई हो, इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस हो, हाइड्रोजन स्टील हो, सबमें निवेश कर रहे हैं और करेंगे और हम आगे भी ग्रो करते रहेंगे.
अमेरिका-रूस की नजदीकी बढ़ने और यूएस द्वारा टैरिफ लगाने का क्या होगा असर
देखिए, स्टॉक मार्केट के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते. स्टॉक मार्केट, सेंटीमेंट्स की वजह से हो रहा है. जहां तक टैरिफ की बात है, वह चल रहा है और चलते रहेगा. यह सब शॉर्ट टर्म चीजें हैं. मगर मैं महसूस करता हूं कि
टाटा स्टील इंडिया का सबसे बड़ा बाजार और आधिपत्य घरेलू बाजार है. इसलिए निर्यात कम है. यूरोप में थोड़ा बहुत निर्यात है. लेकिन स्टील की प्राइस कैसी रहेगी, अभी स्टेबल नहीं है. जो हमारे नियंत्रण में है, मसलन प्रोडक्टिविटी इफिशिएंसी, उसमें हमें ध्यान रखना होगा. हम तय नहीं कर सकते कि स्टील की प्राइस क्या होगी? टैरिफ क्या होगा? जो होगा, सो होगा. हम सरकार के साथ बातचीत करेंगे, और जो हमें जरूरत होगी, सरकार मदद करेगी. लेकिन हमें इफिशिएंट बनना होगा. हम ठहर नहीं सकते, रूक नहीं सकते, आगे हमें चलते रहना होगा.
टाटा समूह मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहा?
हम बहुत सारे क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं. टाटा ग्रुप ने अभी सेमी कंडक्टर में बहुत निवेश किया है. गुजरात में एक चिप मैनुफैक्चर कंपनी स्थापित की है. आने वाले दिनों में पूरी इंडस्ट्री चिप पर निर्भर करेगी. चिप, अधिकतर कंपनियों की हॉर्ट होगी. ऑटोमोबाइल हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो, कन्जूमर इलेक्ट्रॉनिक्स हो, एयरो स्पेस हो हेल्थ केअर हो, सभी इंडस्ट्री को चिप की जरूरत है. इसलिए चिप्स में सेल्फ सफिशिएंसी होना जरूरी है. इसलिए हमलोग निवेश कर रहे हैं. असम में एक प्लांट बैठाया है. मैनुफैक्चरिंग में मोबाइल फोन बनाने के लिए प्लांट बैठाया है. बैटरी में निवेश किया है. 5 जी टेक्नोलॉजी में निवेश किया है. वह तकनीक हमारे पास है. पूरी तरह से 5जी की स्वदेशी तकनीक हमने बनाई है. वह सब चल रहा है. जहां तक मेडिकल कॉलेज की बात है तो हमने इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलुरू में मेडिकल कॉलेज के रूप में एक बड़ा निवेश किया है. वह एडवांस रिसर्च का केन्द्र बनेगा. इसका मुख्य फोकस वैसी बीमारियों पर होगा, जो मुख्य रूप से भारत में ज्यादा है. होता क्या है कि इन बीमारियों की दवाएं हम पश्चिम से लेते हैं, क्योंकि हम उसे बनाते नहीं है. हमारी कोशिश होगी कि इन दवाओं को हम यहीं पर बनाएं, जो बीमारियां हमारे ग्रामीण भारत में ज्यादा पाई जाती है.
एआई को लेकर टाटा समूह की क्या योजना है
एआई टेक्नोलॉजी को लेकर हम बहुत सोच रहे हैं. हमारी कोशिश है कि हम एआई का स्वदेशी मॉडल विकसित करें, क्योंकि देश को संप्रभू बनाने के लिए यह जरूरी है. हमारा डेटा है, देश का जो डेटा है, उसे ट्रेंड करने के लिए क्या कर सकते हैं, एआई एप्लीकेंशंस में क्या करना चाहिए? वर्चुअल वर्कर्स आदि पर विचार चल रहा है. हम इसमें निवेश करने जा रहे हैं. एआई से प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी और नौकरी के नये अवसर सृजित होंगे.
जमशेदपुर को लेकर क्या कहेंगे?
जमशेदपुर को लेकर हमारा कमिटमेंट बड़ा है. सब जमशेदपुर में ही शुरू हुआ. हम आगे भी जमशेदपुर को स्ट्रेंथनिंग करते रहेंगे. हम समुदाय के लिए करना चाहते हैं. सब हमारा परिवार है. इसके पहले उन्होंने संस्थापक दिवस की बधाई दी और सबको हैप्पी फाउंडर्स डे कहा. कहा कि यह पहला अवसर है जब हम रतन टाटा के बिना संस्थापक दिवस मना रहे हैं. लेकिन वे हमारे लिए हमेशा प्रेरणा बने रहेंगे, गाइड करते रहेंगे. हम आगे भी बिजनेस और सोसायटी के लिए काम करते रहेंगे और विकास करते रहेंगे.
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