मरीजों की संख्या में अस्पताल के पास मानव संसाधन की घोर कमी
उदित वाणी, जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल अपनी ही बीमारी ठीक नहीं कर पा रहा है, मरीजों की ज्यादा संख्या व स्टॉफ की कमी के कारण व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है गुरुवार को भी जमकर हंगामा हुआ. निबंधन काउंटर में लाइन में घंटो खड़े मरीजों ने हंगामा शुरू किया. इनका आरोप है कि पर्ची बनाने में ही काफी समय लग रहा है.
ऊपर पर से पर्ची के अनुसार ओपीडी में चिकित्सक नहीं देखते हैं. अभी भी मैन्यूवल पर्ची ही बनाया जा रही है जिससे काफी विलंब हो रहा है.
रिटायर हुए 16 कर्मचारी, कामकाज प्रभावित
एमजीएम अस्पताल के 16 कर्मचारी एक ही दिन रिटायर हो गए. इससे मरीजों की देखरेख एवं अन्य तरह के जांच कार्यों पर असर पड़ रहा है, पहले से ही कर्मचारियों की कमी झेल रहे अस्पताल में आए दिन होनेवाले हंगामा का यह बड़ा कारण है.
रिटायर होने वालों में 4 नर्सें, 1 गायनिक वार्ड की सिस्टर, 4 वार्ड ब्वॉय, 4 सफाई सेवक, 1 लिपिक, 1 चालक और 1 तकनीशियन शामिल हैं.
अल्ट्रासाउंट केंद्र में हंगामा
गुरुवार को एमजीएम अस्पताल के अल्ट्रासाउंड केंद्र में भी हंगामा हुआ, यहां भी कर्मचारियों पर मरीजों ने आरोप लगाया कि वे पर्ची के अनुसार अल्ट्रासाउंट के लिए नहीं बुला रहे हैं. अपनी मर्जी के अनुसार परिचितों को लाइन में खड़े लोगों से पहले अल्ट्रासाउंड के लिए बुला रहे हैं. इधर कर्मचारियों का कहना था कि किसी को पहले बुलाने का आरोप गलत है
मंत्री ने किया उद्घाटन, सिटी स्कैन सेंटर नहीं हो पाया शुरू
दो जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एमजीएम में सिटी स्कैन सेंटर का उद्घाटन किया जो अब तक प्रारंभ नहीं हो पाया. मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है इसका कारण है कि मंत्री ने सिटी स्कैन मशीन को पुरानी तकनीक का बताते हुए यहां अपग्रेडेड मशीन लगाने का आदेश दिया था जिसका मूल्य दस गुणा ज्यादा है. अब एजेंसी अपग्रेडेड मशीन लगाने से कतरा रही है.
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