उपाध्यक्ष पद पर रंजीत यादव को 16 और जॉन मिरन मुंडा को मिला 12 मत
उदित वाणी, चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव आज जिला परिषद सभागार में हुआ. नोआमुंडी भाग 2 की जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी सुरेन अध्यक्ष और रंजीत यादव उपाध्यक्ष चुने गए हैं. अध्यक्ष का चुनाव बड़ा ही रोचक रहा. दोनों ही उम्मीदवारों को 14-14 मत मिले, इसके बाद लॉटरी के जरिए अंतिम निर्णय लिया जा सका.
उपाध्यक्ष के लिए रंजीत यादव को 16 और जॉन मिरन मुंडा को 12 मत मिले. जिला परिषद सभागार में सुबह 10:30 बजे उपायुक्त अनन्य मित्तल ने नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्यों को शपथ दिलाई. इसके बाद चेयरमैन के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. निवर्तमान अध्यक्ष लालमुनि पुरती और तीसरी बात नोआमुंडी भाग 2 से जिला परिषद सदस्य चुनी गई लक्ष्मी सुरेन ने नामांकन पत्र दाखिल किया. मतदान के बाद मतगणना में दोनों ही उम्मीदवारों को 14-14 मत मिले.
फिर लॉटरी के जरिए चुनाव का अंतिम निर्णय लिया गया, जिसमें लक्ष्मी सुरेन जीत गई. उपाध्यक्ष के लिए चुनाव की प्रक्रिया अपराहन 3:00 बजे शुरु हुई. सभी 28 सदस्यों ने मतदान किया. मतगणना के बाद परिणाम सामने आया. रंजीत यादव को 16 मत मिले, जबकि जान मिरन मुंडा को 12 मत.
इस तरह रंजीत यादव को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया. पिछले बार चेयरमैन के चुनाव में दोनों उम्मीदवारों को 14-14 मत मिले थे, तब लॉटरी के जरिए लालमुनि पुरती को जीत हासिल हुई थी, लेकिन इस बार किस्मत ने लक्ष्मी सुरेन का साथ दिया. लालमुनि हार गई और लक्ष्मी सुरेन की किस्मत ने उनके सिर पर जीत का ताज रख दिया.
लक्ष्मी सुरेन लगातार तीन बार से जिला परिषद का चुनाव जीत रही हैं. जीतने के बाद उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों के साथ मिलकर जिले के विकास के लिए काम किया जाएगा. जबकि हारने के बाद लालमुनि पुरती ने कहा कि इस बार किस्मत ने साथ नहीं दिया, लेकिन हम सब मिलकर जिले को विकास की ओर ले जाएंगे.
पश्चिमी सिंहभूम जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन और उपाध्यक्ष रंजीत यादव के निर्वाचित होने से झारखंड मुक्ति मोर्चा के खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. लक्ष्मी सुरेन अध्यक्ष का पद टॉस के सहारे जबकि रंजीत यादव ने उपाध्यक्ष का पद दो मतों से जीता. नवनिर्वाचित जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का झामुमो ने सैफरॉन होटल में भव्य स्वागत किया.
स्वागत के मौके पर चाईबासा के विधायक दीपक बिरूवा, चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव, मझगांव के विधायक निरल पुरती, नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डोमा मिंज के अलावे झामुमो के समर्थक मौजूद थे. भाजपा और झामुमो अपने-अपने खेमे से जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने के लिए राजनीतिक दांवपेच में लगे हुए थे.
इस दांवपेच में अंतत: झामुमो ने अपने समर्थक प्रत्याशी को जीताकर बाजी मार लिया. पश्चिमी सिंहभूम जिले में झामुमो का परचम लहरा रहा है. ऐसे में अपने खेमे का जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाकर जिले में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के एकमात्र जिला परिषद सदस्य लालमुनी पुरती की हार से भाजपा का किला ढह गया है.
पश्चिमी सिंहभूम जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर दो नए चेहरे चुनकर आए हैं. हालांकि जिला परिषद के लिए यह नाम नया नहीं है. लक्ष्मी सुरेन लगातार तीसरी बार नोआमुंडी भाग 2 से चुनाव जीती हैं, जबकि रंजीत यादव दूसरी बार मनोहरपुर भाग 2 से चुनाव जीते हैं. लक्ष्मी सुरेन नोआमुंडी बस्ती के मुंडा शंकरदेव सुरेन की बहन है.
इन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है. वही रंजीत यादव को उनके समाज सेवा के काम के लिए जाना जाता है. उनकी शिक्षा स्नातक तक हुई है. नवनिर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने जीतने के बाद कहा कि सभी सदस्यों के साथ मिलकर यह कोशिश की जाएगी जिला परिषद को पूर्व की भांति सारे अधिकार और विभाग दिए जाएं.
इसके लिए सरकार स्तर पर भी कोशिश की जाएगी, ताकि पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को ज्यादा से ज्यादा योजनाएं मिल सके और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सके.
हारने के बाद निवर्तमान अध्यक्ष लालमुनी पुरती ने दबंगई करने और महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि योग्य उम्मीदवार चुनना सदस्यों का हक है लेकिन उन्हें इस अधिकार से वंचित किया गया. डरा धमका कर सदस्यों को वोट देने के लिए मजबूर किया गया.
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