
उदित वाणी, जमशेदपुर: राज्य सरकार की नई नियोजन नीति की घोषणा के खिलाफ छात्रों का आक्रोश थम नहीं रहा है. कोल्हान में भी आक्रोश ने आकार लेना शुरू कर दिया है.
यहां भी 60-40 वाली नियोजन नीति के खिलाफ और खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति की मांग को लेकर शनिवार को छात्र झारखंड सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे। इसके तहत पूर्वी सिंहभूम स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले शनिवार को कोल्हान के सभी अंगीभूत कालेजों के आदिवासी छात्रों के साथ छात्र आक्रोश महारैली निकाली गई.
इसमें एलबीएसएम कॉलेज आदिवासी छात्रावास, को-ऑपरेटिव कॉलेज छात्रावास, घाटशिला कॉलेज समेत तमाम कॉलेजों के छात्र शामिल हुए. शनिवार को एलबीएसएम कॉलेज से इस आक्रोश महारैली का आगाज किया गया.
छात्र नेता नारान मार्डी ने बताया कि छात्र महारैली के जरिए सरकार की नीति का विरोध किया जा रहा है. एलबीएसएम कॉलेज से करनडीह चौक होते हुए सुंदरनगर तक और सुंदरनगर से पुन: करनडीह चौक होते हुए जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय खासमहल तक यह छात्र आक्रोश महारैली निकाली गई.
इस दौरान राज्यपाल व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन बीडीओ को सौंपा गया. इसमें 11 बिंदुओं पर मांगों को रख झारखंड सरकार से अविलंब अमल करने की अपील की गई. छात्रनेता ने कहा कि हमारी मांग है कि झारखंड सरकार द्वारा बनाई गई वर्तमान नियोजन नीति 60-40 को अविलंब खारिज किया जाए. इसके साथ ही खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बने.
छात्रों की प्रमुख मांगें
# झारखंड सरकार द्वारा बनाई गई वर्तमान नियोजन नीति60-40 को अविलंब खारिज किया जाए.
# खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बने.
# तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग श्रेणी नौकरी में 100% स्थानीय को नौकरी मिले हैं.
# टीआरआई द्वारा निर्धारित 9 जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा को ही नियोजन नीति में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए.
# प्राथमिक विद्यालय से लेकर के विश्वविद्यालय तक जनजाति क्षेत्रीय भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाए एवं आवश्यक शिक्षकों की पद सृजित करते हुए अविलंब शिक्षकों की नियुक्ति की जाए.
# परीक्षा नकल विरोधी कानून बनाया जाए.
# खतियान आधारित नियोजन नीति बनने के उपरांत ही नियुक्ति हो.
# भारतीय संविधान के अनुसूची में सम्मिलित संथाली भाषा का अपमान करने वाले माननीय विधायक सीपी सिंह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे.
# नियोजन नियमावली में झारखंड के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा ,लिपि एवं संस्कृति का ज्ञान होनाअनिवार्य किया जाए.
# स्थानीय छात्रो को अतिरिक्त 5 वर्ष अतिरिक्त की छूट दी जाए.
# भूमिज भाषा को नियोजन में सम्मिलित किया जाए. में मुख्य रूप से सुकरा हो, सुरेश हांसदा, संजीव कुमार मुर्मू, रुपाई मार्डी, श्याम चरण मुर्मू, भूगलू हांसदा करनजीत हांसदा, सांगेंन बेसरा, निर्मल किस्कू, आनन्द मुर्मू, संतोष सरदार, सुजित सरदार, बुनुराम हांसदा उपस्थित थे.
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