उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर में शहीदों के सम्मान में निकाली जाने वाली ‘शहीद सम्मान यात्रा सह अखंड तिरंगा यात्रा’ इस साल पुनः 23 मार्च, रविवार को आयोजित की जाएगी. यह यात्रा इस वर्ष अपने 10वें वर्ष में प्रवेश कर रही है और इसे हर साल की तरह जोश और उत्साह के साथ निकाला जाएगा. यात्रा सुबह 9:55 बजे एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान से शुरू होकर एग्रीको गोलचककर, भालूबासा, साकची, वसंत सिनेमा, कालीमाटी रोड से होते हुए आरडी टाटा चौक तक जाएगी. पुलिस लाइन में अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यात्रा एग्रीको मैदान में समाप्त होगी.
संस्था का उद्देश्य और इतिहास
नमन के संस्थापक अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह काले ने एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी देते हुए बताया कि नमन संस्था शहीदों के सपनों को जीवित रखने, राष्ट्रभक्ति और स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों की श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित है. यह संस्था पूरी तरह से गैर-राजनीतिक और गैर-सांप्रदायिक है, और समाज में भाईचारे, प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए काम करती है. यह संस्था समाज के हर तबके और धर्म के लोगों द्वारा समर्थित है. यात्रा में मां भारती का रथ सबसे आगे रहेगा, और चार विशेष झांकियां भी शामिल की जाएंगी, जिनमें बलिदानियों से संबंधित लाइव झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी. यात्रा के संचालन के लिए नमन की टीम पूरी तरह से उत्साहित और जिम्मेदारी से काम कर रही है.
इतिहास और प्रेरणा
काले ने कहा कि सन 2016 में देश में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसे विध्वंसक नारे लगाए गए थे. इस घटना के विरोध में नमन संस्था का गठन किया गया और उसी वर्ष जमशेदपुर से अखंड तिरंगा और शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी. यह यात्रा अब प्रतिवर्ष 23 मार्च को शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी की शहादत दिवस पर आयोजित होती है. काले ने बताया कि इस वर्ष यह यात्रा 10वें वर्ष में प्रवेश कर रही है, और उन्होंने सभी से इस यात्रा में भाग लेने की अपील की है.
आमंत्रण और अपील
यह यात्रा अत्यंत अनुशासित और भव्य तरीके से निकाली जाती है, जिसमें जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्र के देशभक्त युवा, मातृशक्ति, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्य, और हजारों आम नागरिक बड़े उत्साह से शामिल होते हैं. यात्रा के दौरान शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. काले ने शहर की मातृशक्ति, युवा वर्ग, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं, वरिष्ठजनों और बुद्धिजीवियों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में इस यात्रा में सपरिवार शामिल होकर इसकी भव्यता और गरिमा बनाए रखें.
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