उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटानगर उप मंडल रेलवे अस्पताल में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी चक्रधरपुर के कार्यालय से निर्गत पत्र के आलोक में एक महत्वपूर्ण विजिटिंग कमिटी की बैठक आयोजित की गई. यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) जय प्रकाश महाली जी के कार्यालय में संपन्न हुई. बैठक में डॉक्टर राजू मोहन्ता के साथ मेंस यूनियन की ओर से एम. के. सिंह, जे. पी. साह और मोहम्मद फरीद उपस्थित रहे. वहीं ओबीसी संगठन से मुंद्रिका प्रसाद एवं अर्जुन साहू और एससी/एसटी रेलवे कर्मचारी संघ से बिमल कुमार रजक, शंभू करुवा एवं शिशिर शिंकू शामिल हुए.
बैठक की शुरुआत में ही पूर्व की विजिटिंग कमिटी बैठकों में लिए गए निर्णयों पर कोई कार्यवाही नहीं होने को लेकर तीनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. प्रतिनिधियों ने कहा कि रेलवे प्रशासन द्वारा बार-बार किए गए वादों के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों और उनके परिजनों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है.
आज की बैठक में सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह रहा कि टाटा रेलवे अस्पताल, जो चक्रधरपुर मंडल का सबसे बड़ा अस्पताल है और जहां लगभग 17,500 पंजीकृत उम्मीद कार्ड धारक मौजूद हैं, वहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों के लिए न तो भोजन की व्यवस्था है और न ही पीने के लिए शुद्ध जल की सुविधा उपलब्ध है. जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से सवाल किया गया तो उन्होंने इस स्थिति से अनभिज्ञता जताई, जिससे बैठक में और असंतोष फैल गया.
डॉक्टर राजू मोहन्ता द्वारा समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिए जाने के बाद बैठक दोबारा शुरू हुई, और विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु निम्न बिंदुओं पर निर्णय लिया गया:
1. रेलवे अस्पताल एक समर्पित मोबाइल नंबर जारी करेगा जिस पर 24 घंटे डॉक्टर की उपलब्धता, ओपीडी समय और अन्य जानकारी मरीजों और उनके परिजनों को दी जाएगी.
2. अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए नए सरकारी और निजी डॉक्टरों की नियुक्ति हेतु अस्पताल प्रशासन, संगठन प्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों से समन्वय बनाकर प्रयास किया जाएगा, ताकि सिनी, आदित्यपुर और लोको कॉलोनी की स्वास्थ्य इकाइयों को शीघ्र चालू किया जा सके.
3. अस्पताल में शीघ्र किचन की व्यवस्था और पीने के लिए शुद्ध जल की सुविधा बहाल की जाएगी.
4. अस्पताल की बंद पड़ी प्रयोगशाला और उसमें रखी महंगी मशीनों की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की गई. प्रतिनिधियों ने निजी लैब पर हो रहे अनावश्यक खर्च को कम कर अस्पताल की अपनी लैब को चालू करने की मांग की.
5. 45 बेड की मांग वर्षों से लंबित है. इस पर दुख जताते हुए शीघ्र पूर्ति की मांग की गई.
6. दूरदराज के क्षेत्रों जैसे बादाम पहाड़, डोंगवापोसी, और सिनी से भर्ती मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के ठहरने की व्यवस्था अस्पताल परिसर में करने की मांग उठाई गई.
7. निजी डॉक्टरों की समय पर उपस्थिति विशेषकर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ चौधरी के आगमन और प्रस्थान समय की निगरानी की बात कही गई.
8. रेलवे डॉक्टर गौतमी एवं मुर्मू के प्रति मरीजों की लगातार मिल रही शिकायतों की जांच कर सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की गई.
9. रेफरल प्रणाली को पारदर्शी बनाने और नए प्रतिष्ठित अस्पतालों से रेफरल की सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया.
10. आपात स्थिति में मरीजों को तत्काल अस्पताल लाने के लिए सीएमएस टाटा को एक चार पहिया वाहन शीघ्र उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई गई.
11. न्यूरो (मस्तिष्क रोग), त्वचा रोग, और ईएनटी (कान, नाक, गला) के विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग की गई.
12. अस्पताल के इंडोर वार्ड को वातानुकूलित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया ताकि मरीजों को बेहतर इलाज के साथ आरामदायक माहौल मिल सके.
बैठक के अंत में सभी संगठनों ने एक सुर में कहा कि टाटा अस्पताल में चक्रधरपुर मंडल के अन्य अस्पतालों की तुलना में ज्यादा उम्मीद कार्ड धारक होने के बावजूद संसाधनों की भारी कमी है. डॉक्टरों की अनुपलब्धता, मशीनों का बंद होना और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण कर्मचारियों और उनके परिजनों में गहरी नाराजगी है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो चरणबद्ध आंदोलन कर मंडल से लेकर जोन स्तर तक शिकायत दर्ज कराई जाएगी.
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