उदित वाणी कांड्रा: नालसा एवं झालसा के निर्देशानुसार साथ ही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सफल मार्गनिर्देशन में संविधान दिवस के उपलक्ष में व्यवहार न्यायालय, सरायकेला, अनुमंडल न्यायालय, चांडिल और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा पूरे जिले में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रातः 10:30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सराइकेला, के प्रशाल में साथ ही अनुमंडल न्यायालय, चांडिल में सभी न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के विद्वान अधिवक्तागण के साथ न्यायालयकर्मी, पारा लीगल वॉलिंटियर, सभी ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश प्रथम अमित शेखर, संविधान को सभी कानूनों की आत्मा कहा और उसे सभी उपस्थित जनों से आत्मार्पित करने की प्रार्थना की। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने आज के दिन को गौरवशाली बताते हुए लोगों से अनुरोध किया की वह संविधान के अनुरूप कार्य करें। प्रस्तावना के प्रथम शब्द “हम” के अनुरूप मिलजुल कर काम करने और देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने की प्रार्थना की। कार्यक्रम की समाप्ति पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, राजकमल मिश्रा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा की संविधान सिर्फ एक कानूनी स्वरूप का किताब नहीं बल्कि यह हमारे लिए एक धर्म ग्रंथ है और इसे सम्मान के साथ अंगीकृतऔर देश के विकास में योगदान देने की जरूरत है। इस इस कार्यक्रम को जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रभात कुमार, जिला अधिवक्ता संघ के सचिव देवाशीष ज्योतिषी, वरीय अधिवक्ता के पी दुबे ने भी संबोधित किया। दूसरा मुख्य कार्यक्रम आर्का जैन विश्वविद्यालय के विधि प्रभाग में आयोजित किया गया इसमें उपस्थित विधि के प्रोफेसर और विधि के छात्र के साथ-साथ जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी और न्यायधीशगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को विधि प्रभाग के प्रोफ़ेसर के अलावे जिला न्यायाधीश प्रथम अमित शेखर और सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुमार क्रांति प्रसाद ने भी संबोधित किया और सभी से संविधान की आत्मा प्रस्तावना के अनुरूप देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने की प्रार्थना की। इसके साथ ही साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पारा लीगल वालंटियर के द्वारा पूरे जिले में कई विधिक जागरूकता शिविर भी आयोजित किए गए।
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