उदित वाणी, जमशेदपुर : शहर के वरीय पुलिस अधीक्षक ने आज पुलिस कार्यालय सभागार में सभी पुलिस उपाधीक्षकों के साथ एक विस्तृत समीक्षात्मक बैठक की. बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबित लैंगिक अपराधों, संगठित गिरोह की गतिविधियों और भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना तैयार करना था. वरीय पुलिस अधीक्षक ने सभी लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाने और कानून व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए.
लैंगिक अपराधों के लंबित मामलों पर जोर
बैठक में लैंगिक अपराधों, विशेष रूप से दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई. वरीय पुलिस अधीक्षक ने इन मामलों के लंबित रहने पर गहरी नाराजगी जताई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लंबित मामलों को 2 महीनों के भीतर निष्पादित करें. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन मामलों के तय समय में निपटारे में लापरवाही करने वाले संबंधित पदाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा, “लैंगिक अपराध न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं. ऐसे मामलों का शीघ्र समाधान पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करेगा.”
भू-माफियाओं और अवैध भूमि कारोबारियों पर नकेल कसने की योजना
बैठक में जमीन से जुड़े सभी आपराधिक मामलों पर भी विशेष ध्यान दिया गया. वरीय पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया कि फायरिंग, मारपीट या जबरन जमीन अतिक्रमण कर निर्माण करने वाले अपराधियों की सूची को अपडेट किया जाए.
सभी डीएसपी और थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि अवैध जमीन कारोबारियों और भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इन अपराधियों की पहचान कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई.
एससी/एसटी मामलों के निपटारे के निर्देश
एससी/एसटी एक्ट के तहत लंबित मामलों पर चर्चा करते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया कि इन मामलों की चार्जशीट 60 दिनों के भीतर अदालत में दाखिल की जाए. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर इन मामलों का निपटारा तय समय सीमा के भीतर नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
संगठित अपराधियों और गिरोह पर विशेष ध्यान
संगठित अपराधियों और गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई बैठक का एक प्रमुख एजेंडा रहा. वरीय पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया कि इन अपराधियों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाए और उनकी विस्तृत प्रोफाइल तैयार की जाए. इस प्रोफाइल में उनके परिवार के सदस्यों और बैंक खातों की जानकारी भी शामिल होनी चाहिए.
इसके साथ ही, जेल में बंद और जमानत पर रिहा अपराधियों पर कड़ी नजर रखने के आदेश दिए गए. सभी ऐसे अपराधियों के गतिविधियों की निगरानी के लिए सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) लागू करने की बात कही गई.
आर्म्स एक्ट अपराधियों का सत्यापन
बैठक में यह भी तय किया गया कि पिछले 5 वर्षों में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामलों के अपराधियों का सत्यापन किया जाएगा. वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी डीएसपी और थाना प्रभारी इस कार्य को तीन दिनों के भीतर पूरा करें.
सूचना तंत्र और सामुदायिक सहयोग पर जोर
वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करना आवश्यक है. उन्होंने सभी पुलिस उपाधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग बढ़ाएं और उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करें. सामुदायिक समर्थन से न केवल अपराधियों पर नजर रखी जा सकती है, बल्कि जनता में सुरक्षा की भावना भी विकसित होगी.
तीन दिनों के अंदर कार्रवाई का निर्देश
सभी डीएसपी और थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि लैंगिक अपराधों, संगठित गिरोह और भू-माफियाओं से जुड़े मामलों में आवश्यक कार्रवाई तीन दिनों के भीतर शुरू की जाए. वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सख्त कार्रवाई की प्रतिबद्धता
बैठक के अंत में वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा, “लैंगिक अपराध और संगठित गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना हमारी प्राथमिकता है. कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.” उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे टीमवर्क के साथ काम करें और अपराध मुक्त समाज बनाने में अपना योगदान दें.
अपराध मुक्त समाज की दिशा में कदम
यह बैठक आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण और शहर में शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. वरीय पुलिस अधीक्षक के सख्त निर्देशों और समर्पित प्रयासों से पुलिस प्रशासन और जनता के बीच विश्वास और सहयोग की भावना और मजबूत होने की उम्मीद है.
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