उदित वाणी, चांडिल : अनुमंडल के चौका थाना क्षेत्र के तुलग्राम जंगल में शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी बाघ की तलाश जारी रही। वन विभाग को अब तक केवल बाघ के पंजे के निशान मिले हैं। जंगल में ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन कैमरों में अब तक बाघ नजर नहीं आया है।
पंजे के निशान से मिला सुराग
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बुधवार को स्वर्णरेखा नदी तट के पास बाघ के पंजे के निशान मिले थे। इसी स्थान के पास ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि बाघ अभी तुलग्राम के जंगल के आसपास ही मौजूद है और कैमरे की मदद से जल्द उसकी उपस्थिति का पता चल जाएगा।
बाघ के हमले से बैल का शिकार
गांव के चरवाहों ने बताया कि मंगलवार को तुलग्राम के जंगल में मवेशियों को चराने के दौरान बाघ ने अचानक हमला कर दिया।
- एक बैल को बाघ ने मार गिराया।
- एक बछिया अभी भी लापता है।
- घटना के चश्मदीद 12 वर्षीय सुमित महतो ने बताया कि वह पेड़ पर चढ़कर इस पूरी घटना का गवाह बना। घटना के बाद सुमित सदमे में है।
वन विभाग की रणनीति
वन विभाग ने मारे गए बैल को उसी स्थान पर छोड़ दिया है। विभाग का मानना है कि भूख लगने पर बाघ इसे खाने जरूर आएगा, जिससे उसकी पहचान और पकड़ने की योजना को अंजाम दिया जा सकेगा।
ग्रामीणों के लिए सतर्कता अभियान
तुलग्राम और आसपास के गांवों में वन विभाग ने सतर्कता अभियान चलाया है। प्रचार गाड़ियों से माइकिंग कर ग्रामीणों को जंगल में न जाने और सतर्क रहने की अपील की जा रही है।
अधिकारियों की तैयारी
खूंटी वनपाल सनातन रवानी ने बताया कि:
- जंगल में ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं।
- बाघ की लोकेशन मिलते ही विशेषज्ञ दस्ते को बुलाकर उसे पकड़ने की कोशिश की जाएगी।
- सभी आवश्यक एहतियात बरती जा रही हैं।
क्या जंगल के राजा का पता लग पाएगा?
वन विभाग की यह रणनीति कितनी सफल होगी? क्या बाघ जल्द ही ट्रैकिंग कैमरे में कैद होगा? इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।