उदित वाणी जमशेदपुर : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आदिवासी क्षेत्रों में सुख-शांति और सुरक्षा को अनुच्छेद 13, 3 (क) की गलत व्याख्या से होने वाले खतरों से अवगत कराया है। श्री मुर्मू ने पत्र में लिखा है कि झारखंड और वृहद झारखंड क्षेत्रों में अवस्थित आदिवासी समुदाय देश विरोधी ताकतों की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। इससे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है। विगत कुछ वर्षों में पत्थलगड़ी आंदोलन इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इसके अगुआ चर्च से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। क्योंकि इसके रिंग मास्टर विजय कुजुर और पादरी जोसेफ पूर्ति (फरार) जैसे लोग ईसाई हैं। श्री मुर्मू ने कहा कि जहां-जहां ईसाई आबादी और ईसाई मिशनरी का केंद्र है वहीं पत्थलगड़ी आंदोलन हुआ है। गृह मंत्री से उन्होंने कहा है कि भोले भाले आदिवासी गांव-समाज को देश विरोधी ताकतों से बचाने की जरूरत है। कहा कि ईसाई रिंगमास्टर संविधान के प्रावधानों की गलत व्याख्या कर आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम के माझी-परगना, मानकी-मुंडा आदि को भारतीय जनतंत्र और संविधान के खिलाफ भड़काने का काम करते हैं और भोले भाले नासमझ आदिवासी समुदाय हिंसा में उतारू हो जाते हैं। आपस में भी हिंसक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश हित, आदिवासी गांव-समाज की सुरक्षा के लिए इसकी गहन जांच-पड़ताल कर अविलंब उचित रोकथाम की कार्रवाई की जरूरत है।
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