उदित वाणी, जमशेदपुर: 24 दिसंबर के बाद सरकारी स्कूलों में शीतकालीन छुट्टी चल रही है. जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश होते हुए भी शिक्षक छात्रों का छात्रवृत्ति भुगतान हेतु ई कल्याण पोर्टल पर प्रत्येक छात्रों का डाटा संधारण का कार्य कर रहे हैं.
बावजूद इसके कई शिक्षकों का वेतन डाटा अपलोडिंग का काम पूरा न होने पर रोक दिया गया है. इससे शिक्षक आक्रोशित हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कि स्कूल के दस्तावेज व आधार कार्ड के दस्तावेज में नाम का स्पेलिंग अलग होने के कारण ई-कल्याण पोर्टल पर छात्रवृत्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.
दूसरी ओर सर्वर डाउन होने के कारण भरे गये डाटा को सबमिट करते समय बार-बार एप्लीकेशन फेल की समस्या आ रही है. कार्य ससमय पूर्ण न होने पर पदाधिकारियों द्वारा पर्व के समय गैर शैक्षणिक कार्यो के कारण वेतन बंद एवं छुट्टियां रद्द कर उन्हें मानसिक और बौद्धिक रूप से प्रताड़ित करना काफी दुखद एवं शिक्षक मर्यादा के प्रतिकूल है.
संघ ने कहा कि कि झारखंड सरकार के वित्त विभाग के आदेश के आलोक में क्रिसमस पर्व के मद्देनजर राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को माह दिसंबर 2022 का मासिक वेतन भुगतान दिनांक 22 दिसंबर से करने का निर्णय लिया गया है.
परंतु जिले के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के मनमानी पूर्ण रवैया के कारण उक्त सरकारी आदेश का अवहेलना कर क्रिसमस जैसे महान पर्व के अवसर पर भी शिक्षकों को आज तक वेतन भुगतान नहीं किया गया. इससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है. यह घोर आपत्तिजनक एवं न्याय संगत नहीं है.
चेतावनी दी कि अविलंब उपरोक्त शिक्षक समस्याओं का समाधान करते हुए वेतन भुगतान की व्यवस्था की जाए, अन्यथा बाध्य होकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ माह जनवरी में आंदोलन करने को बाध्य होगा.
वरीय शिक्षकों को कनीय शिक्षकों से कम वेतन
पूर्वी सिंहभूम के सरकारी स्कूलों में कनीय शिक्षकों को वरीय शिक्षकों के मुकाबले अधिक वेतन मिल रहा है. इससे वरीय शिक्षकों में असंतोष है. विभाग की तकनीकी त्रुटि के कारण अबतक वरीय शिक्षकों को इस विसंगति का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
जिला शिक्षा विभाग इस मामले का अबतक संज्ञान नहीं ले रहा है, इससे शिक्षकों में आक्रोश है. जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1994 में नियुक्त शिक्षकों के लिए एक ही संवर्ग के कनीय शिक्षकों का वेतन वरीय से अधिक हो गया है. ऐसा एक छोटी सी तकनीकी विसंगति के कारण हुआ है.
दरअसल सीनियर शिक्षकों व जूनियर शिक्षकों के वेतन में यह विभेद इसलिए आ गया, क्योंकि नियुक्ति के बाद जब वेतन वृद्धि का पीरियड आया तो बाद में नियुक्त हुए शिक्षकों को उसी वेतन वृद्धि की तिथि से इसका लाभ मिल गया. इस कारण सीनियर शिक्षकों से उनका वेतन अधिक हो गया.
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