प्रबंध समिति की पहली बैठक में हुआ बड़ा फैसला
उदित वाणी, जमशेदपुर: राजस्थान सेवा सदन की नई प्रबंध कमिटी ने अस्पताल को उसका पुराना गौरव वापस दिलाने का बीड़ा उठाया है. नई प्रबंध समिति की कल हुई पहली बैठक में नए अध्यक्ष दिलीप गोयल ने पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि वे केवल अपना काम समर्पित भाव से करें और अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाने की दिशा में पहल करें.
उनकी ओर से यह भी कहा गया कि अस्पताल में व्याप्त कमियों पर नजर नहीं डालनी है, केवल बेहतरी के बारे में सोचना है. उल्लेखनीय है कि 29 मई को राजस्थान सेवा सदन की नई प्रबंध समिति का चुनाव हुआ था. अध्यक्ष दिलीप गोयल, महासचिव जगदीश खंडेलवाल और कोषाध्यक्ष मनीष केडिया तो निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे,लेकिन उपाध्यक्ष के पदों पर सत्यनारायण अग्रवाल मुुन्ना और मंटू लाल अग्रवाल तथा संयुक्त सचिव के पदों पर दीपक अग्रवाल (रामुका) और आशीष मित्तल चुनकर आए थे.
बैठक में शामिल एक पदाधिकारी ने बताया कि कमिटी को अध्यक्ष का अप्रोच बहुत अच्छा लगा और अस्पताल के बारे में उनका पॉजिटिव नजरिया बताता है कि सेवा सदन अस्पताल का एक तरह से कायाकल्प ही हो जाएगा. वर्तमान में अस्पताल में कई कमियां हैं. मसलन कोई चीफ मेडिकल अफसर (सीएमओ) नहीं है.
हालांकि डॉक्टर हैं, लेकिन अस्पताल का एक दौर वो भी था जब लोग दूसरे अस्पताल के बजाय सेवा सदन को तरजीह देते थे. रांची में नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल जैसा प्रतिष्ठित अस्पताल बनने की राह पर बढ़ता सेवा सदन कई कारणों से थम सा गया था. लेकिन नए अध्यक्ष ने साफ कहा कि कमिटी को पैसों की चिंता करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, इसकी जिम्मेदारी वो खुद लेते हैं.
वे कई कंपनियों तथा अन्य संगठनों से बात कर फंड का इंतजाम करवाएंगे और जल्दी ही अस्पताल की व्यवस्था में आमूल चूल बदलाव दिखने लगेगा.
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