विधायक सरयू राय ने सिदगोड़ा ट्रांसपोर्ट यार्ड में कबाड़ में तब्दील हुई गाडिय़ों का किया निरीक्षण
उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने सिदगोड़ा ट्रांसपोर्ट यार्ड का औचक निरीक्षण किया और पाया कि वहां पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के उपयोग में लायी जाने वाली सैकड़ों गाडिय़ां लावारिश पड़ी हुई है. सरयू राय के साथ जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी भी उपस्थित थे. इनमें से 50 से अधिक बसें हैं जो 2008 में झारखंड सरकार द्वारा खरीदी गयी थीं और जमशेदपुर में यात्री परिवाहन के लिए दी गयी थींं.
इन बसों की मरम्मत में 50 लाख रुपये से अधिक का खर्च जमशेदपुर अक्षेस द्वारा किया गया है. इनमें से मात्र आधा दर्जन बसें ही 2-4 महीने के लिए चली थीं. ये बसें पूरी तरह कबाड़ हो गयी हैं. इन्हें कबाड़ में बेचने के अलावा काई चारा नहीं है.
घर-घर से कचरा उठाव के लिए खरीदी गई गाडिय़ां बनी कबाड़
बीते 5-7 वर्षों में खरीदी गयी बहुत सारी गाडिय़ां भी खराब पड़ी हुई हैं. ये गाडिय़ां घर-घर से कचरा उठाने के लिए खरीदी गयी थीं. सरयू राय द्वारा पूछे जाने पर विशेष पदाधिकारी ने बताया कि इनमें से कई गाडिय़ां 15वें वित्त आयोग की राशि से खरीदी गयी थी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा और गाड़ी खरीदने के लिए जमशेदपुर अक्षेस को आवंटन आने वाला है.
सरकार का जोर गाडिय़ां खरीदने पर, चलाने की चिंता नहीं: सरयू
सरयू राय ने कहा कि सरकार का जोर केवल गाडिय़ां खरीदने पर ही है. उन्होंने कहा कि 15 वर्षों से गाडिय़ां खरीदने के लिए पैसा खर्च करने की झारखंड सरकार की नीति बन गयी है. इसकी चिंता सरकार को नहीं है कि जिस उद्देश्य के लिए ये गाडिय़ां खरीदी गयी हैं वह उद्देश्य पूरा हो रहा है या नहीं. यह शहरी विकास के बारे में राज्य सरकार की कमी का नमूना है.
मंहगी गाडिय़ां तो खरीदी गयीं परंतु इसके ड्राइवरों की बहाली नहीं हुई, कोई गाड़ी खराब हुई तो उसकी मरम्मत करने के लिए कोई नीति नहीं है, यहाां तक कि इन गाडिय़ों को रखने के लिए जमशेदपुर अक्षेस के पास कोई पार्किंग नहीं है. राय ने निर्देश दिया कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस जमीन को नगर विकास विभाग में हस्तांतरित कर दे और इसे सिदगोड़ा स्थित टाऊन हॉल परिसर से जोड़कर जनता के उपयोग के लिए विकसित करे.
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