उदित वाणी, जमशेदपुर: साकची स्थित टैगोर सोसायटी द्वारा रवींद् भवन परिसर में आयोजित 38वां पुस्तक मेला ज्ञान के साथ अध्यात्म की भी गंगा बहा रहा है. मेले में इस बार धर्म आध्यात्म की पुस्तको की अच्छी मांग देखी जा रही है.
हर दिन पुस्तक प्रेमियों की भीड़ भी उमड़ रही है, 15 नवंबर से शुरू हुआ बुक फेयर 24 नवंबर तक चलेगा. शहर में यह पुस्तक मेला एक ऐसा आयोजन है, जिसका स्थानीय और बाहरी पाठक व साहित्यप्रेमी सालभर बेसब्री से इंतजार करते हैं.
इस बार के बुक फेयर में कुल 67 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कई प्रमुख प्रकाशकों द्वारा विभिन्न प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं.
आयोजकों ने बताया कि इस बार मेले में बच्चों के साहित्य, कथा-कहानी, विज्ञान, आध्यात्मिकता, और सामाजिक विषयों पर आधारित कई नई और रोचक पुस्तकें पेश की गई हैं.
पुस्तकों के प्रति उत्साह :
पुस्तक मेले के पहले ही दिन से ही छात्रों, शिक्षकों और साहित्यप्रेमियों के बीच जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. मंगलवार को मेले में आने वाले पाठकों ने विभिन्न विषयों की किताबों को देखकर काफी सराहना की. आयोजकों ने बताया कि इस साल मेले में कुछ प्रमुख लेखकों के साथ संवाद और नई पुस्तकों के विमोचन जैसे विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. ये कार्यक्रम किताबों के प्रति लोगों के जुड़ाव को और अधिक बढ़ा रहे हैं.
पुस्तक मेले का समय और सुविधाएं :
मेला सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) को सुबह 10.30 बजे से शाम 8.30 बजे तक और सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 2 बजे से रात 8.30 बजे तक चल रहा है. मेले में आने वाले लोगों की सहूलियत के लिए आयोजकों ने पर्याप्त व्यवस्था की है.
आखिरी चार दिनों में बढ़ेगी भीड़ :
बुक फेयर के आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि मेले के आखिरी चार दिनों में किताब प्रेमियों की भारी भीड़ उमड़ेगी. आयोजकों के मुताबिक, हर साल आखिरी दिनों में पाठकों की संख्या में वृद्धि देखी जाती है, क्योंकि इस समय लोग डिस्काउंट और ऑफर्स का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में मेले में आते हैं.
शहर के सांस्कृतिक जीवन में अहम योगदान :
टैगोर सोसायटी द्वारा आयोजित यह पुस्तक मेला जमशेदपुर के सांस्कृतिक और शैक्षिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है. इसने न केवल स्थानीय साहित्यप्रेमियों को प्रेरित किया है, बल्कि बच्चों और युवाओं को भी पढऩे की आदत डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस प्रकार, 38वां बुक फेयर एक बार फिर से जमशेदपुर के साहित्य और संस्कृति प्रेमियों के लिए एक खास अवसर बनकर उभरा है.
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