उदित वाणी, जमशेदपुर: ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सिद्धांतों को गांव तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. खादी से जुड़कर बुनकरों और कारीगरों को एक ऐसा बाजार मिला है, जहां उनकी कला को उचित मूल्य मिल रहा है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह महोत्सव हमारी उम्मीदों पर खरा उतरेगा. दीपिका सिंह शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2024-25 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं.
मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता और खादी का महत्व
उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की दूरदर्शी सोच का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य उन्नति की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने खादी के महत्व पर बल देते हुए बुनकरों की समस्याओं का समाधान करने और उन्हें प्रशिक्षित करने की आवश्यकता जताई. मंत्री ने यह भी कहा कि खादी से जुड़े बुनकरों को प्रशिक्षित करने से पलायन रोका जा सकता है और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है. उन्होंने खादी से जुड़ी योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने की बात भी कही.
मेले का उद्देश्य और विशेषताएं
उद्योग सचिव जितेंद्र सिंह ने मेले के उद्देश्य की जानकारी देते हुए कहा कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य खादी को बढ़ावा देना है. इस बार मेले में 500 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं, जो विभिन्न खादी संस्थाओं, सरकारी संस्थाओं, पीएमईजीपी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि कला और संस्कृति विभाग द्वारा हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही, मेले में चलंत शौचालय और एटीएम की भी व्यवस्था की गई है.
मेले का माहौल और योगदान
इस अवसर पर उद्योग निदेशक सुशांत गौरव, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग के सीईओ हिमांशु मोहन, झारक्राफ्ट की एमडी कीर्ति और अन्य भी मंच पर उपस्थित थे.
खादी से जुड़ी योजनाओं को लेकर जागरूकता और उत्साह
इस महोत्सव का आयोजन न केवल खादी के उत्थान के लिए बल्कि बुनकरों और कारीगरों को एक स्थिर और अच्छा बाजार प्रदान करने के लिए किया गया है. यह मेला राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने का एक अहम कदम साबित हो सकता है.
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