उदित वाणी, जमशेदपुर: राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) जमशेदपुर में बुधवार को रेलवे घटकों की धातुकर्म विफलता जांच पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ. रेलवे डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के लगभग 10 प्रतिभागी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं, जिससे उन्हें रेलवे घटकों के धातुकर्म संबंधी मूल सिद्धांतों से लेकर घटक विफलता की जांच के प्रोटोकॉल तक के संपूर्ण पहलुओं की गहन जानकारी प्राप्त होगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य प्रतिभागियों को विभिन्न रेलवे घटकों में प्रयुक्त विभिन्न सामग्रियों के भौतिक धातुकर्म, घटक योग्यता के लिए प्रासंगिक मानकों, सेवा शर्तों के तहत प्रचलित क्षति तंत्र, सूक्ष्म तकनीकों और उन्हें उजागर करने हेतु परीक्षण प्रक्रियाओं, विफलता जांच की अनुक्रमिक कार्यप्रणाली आदि की व्यापक झलक प्रदान करना है.
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, सामग्री अभियांत्रिकी प्रभाग के प्रमुख डॉ. एस. शिवाप्रसाद और धातु निष्कर्षण एवं पुनर्चक्रण प्रभाग के प्रमुख डॉ. संजय कुमार ने की. निदेशक ने घटक अखंडता मूल्यांकन और विफलता जांच में 1953 से प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान की दीर्घकालिक विरासत के बारे में जानकारी दी. विशेष रूप से रेलवे घटक विनिर्माण विधियों में सुधार हेतु सिफारिशों में एनएमएल की भूमिका, प्रासंगिक घटक निर्माताओं पर गुणवत्ता नियंत्रण के लिए प्रयोगशाला सेट-अप, मानकीकरण के प्रयास आदि पर प्रकाश डाला.
उन्होंने हाल ही में सीएसआईआर-एनएमएल और आरडीएसओ द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का भी उल्लेख किया, जिसका मुख्य उद्देश्य अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर केन्द्रित होना है. व्यापक रूप से इसके अंतर्गत आपसी हित के क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करना, संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों का निर्माण और क्रियान्वयन, तकनीकी विचार-विमर्श के लिए पारस्परिक आदान-प्रदान यात्राएं शामिल हैं. सत्र के बाद प्रतिभागियों के साथ संक्षिप्त परिचय सत्र और समूह फोटोग्राफी का आयोजन किया गया. उद्घाटन सत्र का समापन एमआईआरसी-25 के समन्वयक डॉ. अवनीश चंदन द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्पन्न हुआ.
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