- सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन चेताया, रोक लगी तो गंभीर नतीजे
- बेंगलुरु से लौटे सरयू. टीएमएच में जख्मी सथर्मकों से मिले, गेंद प्रशासन के पाले में डाली
- खूनी संघर्ष के दूसरे दिन सूर्य मंदिर परिसर में रघुवर कैंप दिखा हावी, सरयू खेमा नजर नहीं आया
उदित वाणी, जमशेदपुर: सिदगोड़ा सूर्य मंदिर परिसर में शुक्रवार की शाम को निर्दलीय विधायक व अपने समर्थकों के साथ हुए खूनी संघर्ष के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास शनिवार को फ्रंट फूट पर नजर आए. उन्होंने खुद कम से कम दो बार सूर्य मंदिर परिसर का जायजा लिया और छठ पर अपने संरक्षण में चलनेवाली सूर्य मंदिर समिति की जनता से जुड़ी सेवा का जायजा लिया. रघुवर के साथ समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह भी पूरे फार्म में नजर आए. इसी का नतीजा रहा कि दोनों नेताओं के समर्थक भी सूर्य मंदिर परिसर में पूरे उत्साह के साथ सक्रिय दिखे.
दूसरी ओर सरयू राय के समर्थक शनिवार को सूर्य मंदिर परिसर के पास फटके तक नहीं. खुद सरयू राय ने भी बेंगलुरू से शहर लौटने पर समाचार लिखे जाने तक घटनास्थल का दौरा नहीं किया. अलबत्ता वे टाटा मुख्य अस्पताल में जाकर रघुवर समर्थकों के साथ संघर्ष में जख्मी अपने कैंप के लोगों से टाटा मुख्य अस्पताल में मिले.
चर्चा का विषय बना सूर्य मंदिर का संषर्ष
शनिवार को सियासी जगत से लेकर प्रशासनिक हलकों तक में सूर्य मंदिर परिसर में रघुवर व सरयू गुटों के बीच हुआ खूनी संघर्ष की चर्चा का विषय रहा. आम जनता में भी लोग आगे क्या होगा जैसे सवालों पर दिमाग लगाते हुए यह विश्लेषण करते रहे कि शुक्रवार की शाम को हुए संघर्ष के लिए कौन पक्ष असली जिम्मेदार है?
अपने खास तेवर में दिखे रघुवर
दूसरी ओर धार्मिक-सांस्कृतिक मामलों में मीडिया में प्रतिक्रिया देने से साफ मना करते हुए रघुवर दास ने अपनी स्टाइल में प्रशासन को आगाह कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी जनता के नौकर होते हैं और उन लोगों को जनहित में ही कार्य करना होता है. इसलिए पूरे मामले में प्रशासन को न्यायपूर्ण तरीके से काम करना होगा. किसी की मनमर्जी नहीं चलने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर समिति द्वारा किए जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को रोक की बात ही बेमानी है क्योंकि ऐसा कार्यक्रम तो छठ महापर्व पर हर साल होता रहा है.
तल्ख तेवर में अपनी बेबाकी के लिए जानेजानेवाले रघुवर जिस अंदाज में प्रशासन को आगाह किया उससे साफ संदेश-संकेत मिला कि छठ के सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर वे कितने गंभीर हैं. रघुवर ने कहा कि यदि कार्यक्रम को रोका गया तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों को नतीजे भुगतने होंगे. हालांकि उन्होंने एक बार भी सरयू राय या उनके भाजपो का नाम नहीं लिया.
सूर्य मंदिर विवाद में कांग्रेस भी कूदी, डॉ. अजय ने रघुवर-सरयू कैंप पर साधा निशाना
इस बीच कांग्रेस की नवगठित राष्ट्रीय स्टेयरिंग कमेटी के सदस्य व जमशेदपुर के पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार ने सूर्य मंदिर परिसर में मारपीट की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर में रघुवर व सरयू समर्थकों के बीच मारपीट बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है. रघुवर व सरयू पर निशाना साधते हुए डॉ. अजय ने कहा कि कोई भी पार्टी हमारे पूजा स्थलों को अपनी राजनीति का अड्डा नहीं बना सकती, इन झगड़ों के कारण लोकशांति और सामाजिक समरसता पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. डॉ अजय ने कहा कि वे इसकी कड़ी भत्र्सना करते हैं. उन्होंने प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
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