उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के द्वारा बर्मामाइंस के रघुवर नगर को अवैध करार दिए जाने के बाद से विवाद उभर आया है. भाजपा बर्मामाइंस मंडल अध्यक्ष सूरज सिंह ने मंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे अधकचरा ज्ञान और बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि मंत्री को इतिहास की सही जानकारी रखनी चाहिए, न कि सदन को गुमराह करने वाली बातें करनी चाहिए.
रघुवर नगर का संघर्षपूर्ण इतिहास
सूरज सिंह ने कहा कि रघुवर नगर कोई साधारण बस्ती नहीं है, बल्कि यह जनता के संघर्ष और उनके बलिदान की पहचान है. उन्होंने बताया कि 2004 में तत्कालीन एसपी और कांग्रेस नेता अजय कुमार ने लांग टाउन बस्ती को उजाड़ने के लिए आधी रात को चहारदीवारी लगवाइ थी. इस पर बस्तीवासियों ने विरोध किया और रघुवर दास, जो उस समय के विधायक थे, जनता के साथ खड़े रहे.
उनकी संघर्षशीलता और समर्थन के कारण ही टाटा स्टील को झुकना पड़ा और उस समय के एमडी बी मुथुरमन ने झारखंड सरकार के साथ मिलकर बस्तीवासियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की थी. इसी संघर्ष के कारण बस्ती का नाम ‘रघुवर नगर’ रखा गया.
मंत्री का बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया
भा.ज.पा. के सूरज सिंह ने मंत्री रामदास सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बिना तथ्यों के बयानों के साथ सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. रघुवर नगर की बस्ती को अवैध बताना किसी भी रूप में सही नहीं है, क्योंकि यह जनता की मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि अगर झामुमो-कांग्रेस सरकार और उसके मंत्रीगण बस्तियों को अवैध बताने की कोशिश करते हैं, तो भाजपा और बस्तीवासी आने वाले समय में सड़क पर उतरकर इस तानाशाही सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे.
भविष्य में संघर्ष की चेतावनी
सूरज सिंह ने स्पष्ट किया कि भाजपा और बस्तीवासी कभी भी अपनी मेहनत और संघर्ष को अवैध नहीं होने देंगे. यदि सरकार ने इसे चुनौती देने की कोशिश की, तो भाजपा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मुद्दे पर निर्णायक संघर्ष करेगी.
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